Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में सोमवार देर रात बादल फटने की घटना ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी. यह घटना कुल्लू के दूरस्थ लग्घाटी क्षेत्र में रात करीब 1:30 बजे हुई. अचानक हुई इस आपदा में सड़कों और कई वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा. हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक किसी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है.
मौके से सामने आई तस्वीरों में पहाड़ी सड़कों पर मलबा और पत्थर बिखरे दिखे. वहीं एक नजदीकी नाला भी उफान पर नजर आया. शुरुआती जानकारी के अनुसार यह बादल फटने की घटना भुबू और आसपास के गांवों के पास हुई. तेज बरसात के कारण कई घरों और गाड़ियों को बहाव में नुकसान पहुंचा.
कुल्लू के इस इलाके की दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण राहत और बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. प्रशासन ने बताया कि अभी तक किसी भी व्यक्ति की मौत या लापता होने की रिपोर्ट नहीं मिली है. अधिकारी लगातार प्रभावित क्षेत्रों से जानकारी जुटा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मानसून की मार जारी है. लगातार भारी बारिश के कारण 389 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं. इसकी वजह से बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है. सोमवार को शिमला-मंडी मार्ग को सतलुज नदी के किनारे बड़े भूस्खलन के कारण बंद करना पड़ा. सड़क की चौड़ाई घटकर केवल लगभग 1.5 मीटर रह गई, जिससे वाहन गुजरना बेहद जोखिम भरा हो गया.
थाली ब्रिज वाला वैकल्पिक रास्ता भी बंद होने से करसोग का शिमला से संपर्क कट गया है. कुल्लू जिले में ही ऑट-लार्जी-सैंज सड़क पर पागल नाला के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिससे करीब 15 गांवों की सड़क संपर्क टूट गया. इसी बीच कांगड़ा जिले के पोंग बांध में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने अलर्ट जारी किया है.
अधिकारियों ने बताया कि 20 अगस्त सुबह 6 बजे से बांध से पानी छोड़ा जाएगा. शुरुआत में हर 12 घंटे में 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जो जलस्तर के आधार पर 75,000 क्यूसेक तक बढ़ सकता है. फतेहपुर, इंदौरा और देहरा उपमंडल के प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है. निचले और नदी किनारे रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की अपील की गई है.