जम्मू-कश्मीर में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई. इसके चलते निचले इलाकों में बाढ़, संपत्ति को नुकसान और सामान्य जीवन में व्यवधान की खबरें सामने आई हैं. अधिकारियों ने बताया कि इस भारी बारिश से कठुआ जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कठुआ जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग हाईवे पर लोगेट मोड़ के पास एक पुल उफनती सहार खड्ड नदी के बहाव में बीच से ढह गया. अधिकारियों ने बताया कि तेज़ बहाव के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर सहार खड्ड नदी पर बने दोनों पुलों पर यातायात रोक दिया गया. फिलहाल, अधिकारियों ने गाड़ियों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा.
कठुआ में पुल ढहा, यातायात ठप
कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा ने बताया, “पुराना पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. नए पुल की स्थिति को लेकर भी संदेह है, इसलिए एहतियातन इसे तुरंत बंद कर दिया गया. राजमार्ग प्राधिकरण और उनके इंजीनियर स्थिति का जायजा लेने पहुंच रहे हैं. इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.” उन्होंने यह भी कहा कि नगरी पुल को हुए नुकसान की जांच राजस्व अधिकारी कर रहे हैं. शर्मा ने लोगों से अपील की, “यह लगातार बारिश का दौर है. क्षतिग्रस्त संरचनाओं पर कूदना या जोखिम उठाना बहादुरी नहीं है. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि ऐसा न करें.”
जम्मू में 100 साल में दूसरी सबसे भारी बारिश
जम्मू, जो सर्दियों की राजधानी है, उसने पिछले 24 घंटों में सुबह 8:30 बजे तक 190.4 मिमी बारिश दर्ज की. यह अगस्त माह में पिछले 100 सालों में दूसरी सबसे भारी बारिश है. सबसे अधिक बारिश 228.6 मिमी 5 अगस्त, 1926 को दर्ज की गई थी, जबकि इससे पहले दूसरा सबसे अधिक रिकॉर्ड 189.6 मिमी 11 अगस्त, 2022 को था. भारी बारिश के कारण जम्मू शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए. जनिपुर, रूप नगर, तलाब तिल्लू, ज्वेल चौक, न्यू प्लॉट और संजय नगर में घरों में पानी घुस गया. कई मकानों की दीवारें ढह गईं, और लगभग एक दर्जन गाड़ियां बाढ़ के पानी में बह गए.
नदियों का जलस्तर बढ़ा, IMD ने सावधानी बरतने की दी सलाह
मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक मध्यम से तेज बारिश, बादल फटने, अचानक बाढ़ और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना जताई है. ऐसे में प्रशासन ने लोगों से नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है. हालांकि, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (250 किमी) और श्रीनगर-लेह राजमार्ग (434 किमी) यातायात के लिए खुले रहे. लेकिन मुगल रोड (पुंछ और राजौरी को शोपियां से जोड़ने वाली) और सिन्थान रोड (किश्तवाड़ और डोडा को अनंतनाग से जोड़ने वाली) भूस्खलन के कारण बंद हो गईं.
नदियों में उफान, आपदा टीमें तैयार
कठुआ में उझ और रावी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया. इसके अलावा, सांबा में बसंतर, डोडा, किश्तवाड़, रामबन और जम्मू में चिनाब, और उधमपुर व जम्मू में तवी नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा. आपदा प्रबंधन टीमें और पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
बारिश का आंकड़ा और प्रभावित क्षेत्र
अधिकारियों ने तत्काल किसी हताहत की सूचना नहीं दी. हालांकि, उत्तरी कश्मीर के राजौरी, पुंछ और गुरेज में भूस्खलन के कारण सड़कें जाम हो गईं. बारिश के मामले में, उधमपुर में 144.2 मिमी बारिश के साथ दूसरा सबसे ज़्यादा बारिश दर्ज की गई, उसके बाद कटरा में 115 मिमी, सांबा में 109 मिमी और कठुआ में 90.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 13.5 मिमी बारिश हुई.