पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी की विधवा और 27 फरवरी, 2002 को गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार की पीड़िता जकिया जाफरी का शनिवार (1 जनवरी) को अहमदाबाद में आयु संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया. वह 86 वर्ष की थीं. बता दें कि, 2002 के दंगों में गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में अहसान जाफ़री सहित 69 लोग मारे गए थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जकिया अहमदाबाद में अपनी अमेरिकी बेटी निशरीन के साथ थीं. सुबह करीब 11.30 बजे उनका निधन हो गया. इसकी पुष्टि उनके बेटे तनवीर ने की, जो सूरत में रहते हैं. तनवीर ने बताया, “वो मेरी बहन के साथ रहने के लिए सूरत से अहमदाबाद आ चुकी थीं. वो उम्र संबंधित बीमारियों से जूझ रही थीं. हालांकि, शनिवार सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. डॉक्टर को घर बुलाया गया था. सुबह साढ़े ग्यारह बजे डॉक्टर ने उनको मृत घोषित किया. उन्हें अहमदाबाद में उनके पति के बगल में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
जानिए कौन हैं ज़किया जाफ़री?
साल 2002 के गुजरात दंगों में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 63 लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था. जहां 2023 तक, जकिया नियमित रूप से नरसंहार की सालगिरह पर गुलबर्ग सोसाइटी में अपने घर के अवशेषों का दौरा करती रहीं. 2006 से गुजरात सरकार के खिलाफ़ एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद, वह गोधरा के बाद हुए दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई का चेहरा बन गई थीं.
जकिया जाफ़री की संघर्ष की कहानी
बता दें कि, 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया. अहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद के चमनपुरा क्षेत्र में स्थित गुलबर्ग सोसाइटी के अंदर मारे गए 68 लोगों में से एक थे. 2006 में, जकिया ने एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने हिंसा के संबंध में मोदी और अन्य शीर्ष राजनेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं की थी.