नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियों को लगातार चौंकाने वाले तथ्य मिल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, यह हमला किसी अकेले आतंकी का काम नहीं था, बल्कि एक बड़े नेटवर्क की साजिश थी.
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कमरे नंबर 13 को इस खतरनाक योजना का अड्डा बताया जा रहा है, जहां से पूरे देश में धमाके कराने की प्लानिंग की जा रही थी.
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कमरा नंबर 13 में लंबे समय से कुछ संदिग्ध गतिविधियां चल रही थीं. यहीं से देश के कई हिस्सों में विस्फोट कराने की योजना तैयार की गई. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने यहां बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जमा की थी और विभिन्न शहरों को निशाना बनाने की विस्तृत रणनीति बनाई थी.
जांच में सामने आया है कि आतंकियों का मकसद एक साथ कई जगहों पर दहशत फैलाने का था. इसके लिए 32 गाड़ियों में बम लगाने की तैयारी की गई थी. इन गाड़ियों को देश के अलग-अलग हिस्सों में खड़ा कर, एक साथ ब्लास्ट कराने की योजना बनाई गई थी. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अगर यह साजिश सफल हो जाती, तो देश में भारी तबाही मच सकती थी.
जांच में पता चला है कि आतंकी उमर मोहम्मद ने i20 कार में विस्फोटक लगाकर लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 पर धमाका किया था. इस घटना में 13 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे. जांच एजेंसियों को शक है कि यह धमाका उसी बड़ी साजिश का पहला चरण था, जो आगे देशभर में फैलने वाली थी.
दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट जारी किया गया था. इसके बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं. मेरठ में पुलिस ने कश्मीरी छात्रों का भी सत्यापन किया है. प्रदेश में लगातार पुलिस सक्रिए है कई जिलों को अतिसंवेदनशील की कैटेगिरी में भी रखा गया है. इन जिलों में लगातार गतिविधियों पर नजर बनाए हुए ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना होने से पहले ही उसे रोका जा सके.