Election Commission: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने SIR यानी गहन मतदाता पुनरीक्षण का अभियान चलाया था, जो राजनीतिक विवादों और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को क्लीन चिट दी और कहा कि इसे थोड़ा पहले किया जा सकता था. अब चुनाव आयोग इसी अनुभव से सबक लेकर पूरे देश में SIR प्रक्रिया नवंबर की शुरुआत से शुरू करने जा रहा है.
सर्वप्रथम यह उन राज्यों में होगा, जहां 2026 में चुनाव होने हैं. इसके अलावा दूसरे कुछ राज्यों में भी प्रारंभिक दौर में ही SIR किया जाएगा. चुनाव आयोग की दो दिन की कॉन्फ्रेंस बुधवार से शुरू हुई. इसमें देशभर में SIR प्रक्रिया के लिए तैयारियों का आकलन किया गया. सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने अपनी रिपोर्ट पेश की. प्रारंभ में असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में इसे शुरू किया जाएगा. इन राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं, इसलिए इन्हें प्राथमिकता दी गई है.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रक्रिया भी चल रही है. असम निर्वाचन आयोग ने कहा है कि NRC के पूरा होने के बाद ही SIR की प्रक्रिया शुरू होगी. असम देश का एकमात्र राज्य है, जहां NRC पूरी हुई है, इसलिए SIR में थोड़ी देरी हो सकती है.
चुनाव आयोग के नए नियमों के अनुसार मतदाता न केवल अपने राज्य की अंतिम गहन पुनरीक्षण मतदाता सूची में नाम दर्ज करा सकते हैं, बल्कि किसी भी राज्य की सूची में अपने नामों के अंश प्रस्तुत कर सकते हैं, जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं. बिहार में SIR के दौरान मतदाता केवल बिहार की अंतिम सूची में ही अपना नाम जोड़ सकते थे. नए नियम से यह सुविधा पूरे देश में उपलब्ध होगी.
दूसरे शब्दों में, मुंबई में मतदाता के रूप में पंजीकृत पश्चिम बंगाल का कोई प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र में अपना नाम दिखाकर SIR प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है. इसके लिए आवश्यक है कि वह किसी ऐसे मतदाता से संपर्क स्थापित करे, जिसका नाम 2002 की पश्चिम बंगाल मतदाता सूची में शामिल हो.
पश्चिम बंगाल की अंतिम गहन पुनरीक्षण सूची 2002 में तैयार हुई थी. इस सूची में शामिल मतदाता को उस राज्य की सूची में बने रहने का अधिकार मिलेगा, जहां वह वर्तमान में रह रहा है.