Election Commission And Jairam Ramesh: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश अब 1 जून को किए अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर फंसते जा रहे हैं. कलेक्टरों के जरिए चुनाव को प्रभावित करने के आरोप पर उन्हें आयोग ने नोटिस जारी किया है. नोटिस का जवाब देने के लिए उन्होंने समय मांगी लेकिन आज चुनाव आयोग ने समय देने से मना कर दिया है. इतना ही नहीं आयोग ने जयराम रमेश से 150 अफसरों के नाम देने समेत आरोपों को सिद्ध करने के लिए कहा है.
कांग्रेस नेता ने 1 जून को दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह DM को फोन करके डरा-धमका रहे हैं. शनिवार सुबह से वो 150 अधिकारियों को फोन कर चुके हैं. इसके बाद इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश के दावे को संज्ञान में लेकर डिटेल शेयर करें करने को कहा था.
चुनाव आयोग की ओर से जयराम रमेश को अमित शाह पर लगाए गए आरोपों के संबंध में सबूत पेश करने के लिए कहा गया था. इसके बाद जयराम रमेश ने आयोग को एक पत्र लिखा और उन्होंने मामले से जुड़े सबूत पेश करने के लिए 7 दिनों का वक्त मांगा था.
आयोग ने कांग्रेस नेता को समय देने से मना कर दिया और उनसे सोमवार शाम तक जवाब मांगा. आयोग ने कहा आपको अपने आरोप के तथ्यात्मक आंकड़े और सबूत 3 जून शाम 7 बजे तक पेश करना होगा. ऐसा न करने पर माना जाएगा कि आपके पास कहने के लिए कुछ भी ठोस नहीं है और आयोग उचित कार्रवाई करने के लिए आगे बढ़ेगा. चुनाव आयोग ने कहा कि आपके आरोप के अनुसार, किसी भी डीएम से ऐसे किसी अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं मिली है.
एक दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अमित शाह के खिलाफ आरोपों की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि अफवाह फैलाना सही नहीं है. रमेश ने आरोपों के अनुसार, क्या कोई 150 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों प्रभावित कर सकता है? अगर ये सच है तो हम उस व्यक्ति को सजा दिलाएंगे जिसने ऐसा किया है. लेकिन इससे पहले आरोप लगाने वालों को विवरण देना होगा. वरिष्ठ, जिम्मेदार नेता का ऐसी अफवाह सही नहीं है.