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India Daily

दाऊदी बोहरा: कैसे भारत का सबसे समृद्ध समुदाय बन गया यह शिया मुस्लिम संप्रदाय

दाऊदी बोहराओं ने शिक्षा को अपनी प्रगति का आधार बनाया. राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा को प्राथमिकता मिलने से पहले ही, समुदाय ने लड़के-लड़कियों को समान रूप से स्कूल भेजना शुरू किया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Dawoodi Bohras The story of a communitys self-reliant prosperity

भारत की सांस्कृतिक विविधता में दाऊदी बोहरा समुदाय एक अनूठा उदाहरण है. यह शिया मुस्लिम संप्रदाय अपनी मेहनत, अनुशासन और सामूहिकता के बल पर छोटे व्यापारियों से देश के सबसे समृद्ध और बौद्धिक रूप से उन्नत समुदायों में से एक बन गया है. यह परिवर्तन सरकारी सहायता या राजनीतिक आंदोलनों के बिना, बल्कि शिक्षा, उद्यमशीलता और सामुदायिक देखभाल के दम पर हुआ है.

शिक्षा: प्रगति की नींव

दाऊदी बोहराओं ने शिक्षा को अपनी प्रगति का आधार बनाया. राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा को प्राथमिकता मिलने से पहले ही, समुदाय ने लड़के-लड़कियों को समान रूप से स्कूल भेजना शुरू किया. सूरत, गुजरात में स्थित अलजामिया-तुस-सैफिया, एक प्राचीन धार्मिक संस्थान, अब विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के रूप में उभरा है. यहाँ इस्लामी विद्या को आधुनिक विषयों जैसे STEM के साथ जोड़ा जाता है. बच्चे अरबी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषाओं में पारंगत होते हैं, जो उन्हें वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाता है.

स्वास्थ्य और सामुदायिक देखभाल

कोविड-19 महामारी के दौरान बोहराओं ने संगठित नेटवर्क के माध्यम से कोविड वॉर रूम स्थापित किए, ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पताल बिस्तरों का प्रबंधन किया. समुदाय द्वारा संचालित क्लीनिक और चिकित्सा शिविर नियमित रूप से मुफ्त या रियायती स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं. समुदाय का मानना है, "स्वास्थ्य कोई विशेषाधिकार नहीं, ज़िम्मेदारी है."

आर्थिक और शहरी विकास

मुंबई की भिंडी बाज़ार पुनर्विकास परियोजना (₹3,000 करोड़) इसका उदाहरण है, जो जर्जर इमारतों को आधुनिक टाउनशिप में बदल रही है. प्रत्येक सदस्य अपनी आय का हिस्सा सामुदायिक कोष में देता है, जो शिक्षा, व्यवसाय और कल्याण के लिए उपयोग होता है. यह सामूहिकता समुदाय को लचीला बनाती है.नेतृत्व और एकतासैयदना के मार्गदर्शन में समुदाय शिक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा राहत में संगठित रहता है. उनकी दूरदर्शिता ने बोहराओं को वैश्विक मंच पर स्थापित किया. यह समुदाय सिखाता है कि आस्था और परंपरा, जब एकीकरण के लिए उपयोग हो, तो समृद्धि का निर्माण कर सकते हैं.