नई दिल्ली: रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे देश में मेगा इवेंट बनाने की तैयारी युद्ध स्तर पर शुरू हो चुकी है. इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि राम मंदिर इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा. चर्चा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल 22 जनवरी को हो सकती है.
"अयोध्या में गोधरा जैसी घटना का खतरा"
रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर देश हिंदू जनमानस में खुशी का माहौल है. इसी बीच शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे ने देश में एक बार फिर से गोधरा जैसी घटना होने की संभावना जताई है. उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि "अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है. ऐसे में उनके वापसी के दौरान गोधरा की तरह ही घटना हो सकती हैं"
जानें क्या है गोधरा कांड?
दरअसल 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी. जिनमें ज्यादातर कारसेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे. इस घटना के बाद 28 फरवरी से 31 मार्च 2002 तक गुजरात के कई इलाकों में दंगा भड़का था. जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए थे. इस मामले में 1500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी युद्ध स्तर पर
मकर संक्रांति के बाद होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की पूरी व्यवस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के हाथों में होगी क्योंकि देश में बड़े कार्यक्रम करने का सबसे ज्यादा अनुभव इसी संगठन के पास है और इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है.पीएम मोदी को इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया जा चुका है और उनकी मौजूदगी में राम मंदिर में रामलला को विराजमान किया जाएगा. हालांकि पीएम मोदी के क्रार्यकम पर अंतिम मुहर पीएमओ की तरफ से लगेगी.
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