नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में चक्रवात 'मोन्था' ने दस्तक दे दी है. मंगलवार शाम मौसम विभाग ने पुष्टि की कि गंभीर चक्रवाती तूफान ने मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच लैंडफॉल शुरू कर दिया है.
तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ यह तूफान अगले तीन से चार घंटे तक तटीय इलाकों को प्रभावित करेगा. केंद्र और राज्य प्रशासन ने राहत-बचाव दलों को तैनात कर दिया है, जबकि रेलवे और एयरपोर्ट प्राधिकरण ने एहतियाती कदम उठाए हैं.
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात 'मोन्था' गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) के रूप में तट से टकरा रहा है. हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच है, जो झोंकों में 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच रही है. ईस्ट गोदावरी, वेस्ट गोदावरी, कृष्णा और विशाखापट्टनम जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. विभाग ने निम्न इलाकों में बाढ़ और पेड़ उखड़ने की चेतावनी दी है.
तूफान के असर से रेलवे विभाग ने कई पूर्वी मार्गों पर अलर्ट जारी किया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्थिति की समीक्षा करते हुए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा और गुंटूर डिवीजनों में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं. वहीं हवाई यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और राजमुंदरी एयरपोर्ट से 35 से अधिक उड़ानें रद्द की गई हैं, जिनमें अधिकांश इंडिगो की हैं.
स्थानीय प्रशासन ने तटीय और निचले इलाकों में रह रहे लोगों को राहत शिविरों में भेजना शुरू कर दिया है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तैनात की गई हैं. लोगों से अपील की गई है कि वे घरों से बाहर न निकलें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें. कई इलाकों में बिजली आपूर्ति एहतियातन बंद की गई है ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके.
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात की लैंडफॉल प्रक्रिया तीन से चार घंटे तक चलेगी और इसका असर रातभर जारी रहेगा. तूफान के कमजोर पड़ने के बाद भी अगले 24 घंटे तक भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना है. विभाग ने चेतावनी दी है कि मछलीपट्टनम और उसके आसपास के इलाकों में समुद्र की लहरें सामान्य से तीन मीटर ऊंची उठ सकती हैं, जिससे तटीय बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन सकती है.