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India Daily

BJP Cultural Agenda: दिल्ली में इलाके के नाम बदलने की मांग तेज, भाजपा विधायकों की 'इस्लामिक पहचान' हटाने की मांग

BJP Cultural Agenda: दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद कई इलाकों के इस्लामिक नामों को बदलने की मांग उठी है. नजफगढ़ और मुस्तफाबाद के विधायक अपने क्षेत्रों का नाम बदलने के पक्ष में हैं. इनका मानना है कि ये नाम विदेशी आक्रांताओं की विरासत हैं और भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं हैं. विपक्षी दलों ने इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बताया है.

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Edited By: Km Jaya
BJP Delhi name change demand
Courtesy: Social Media

BJP Cultural Agenda: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद राजधानी के कई इलाकों के नाम बदलने की मांग एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. भाजपा के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में "इस्लामिक पहचान" वाले नामों को हटाकर उन्हें "भारतीय सांस्कृतिक" मूल्यों से जोड़ने की वकालत की है. इस मुहिम में नजफगढ़ से लेकर मुस्तफाबाद तक के नेता सक्रिय हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा विधायक अनिल जादौन और जगदीश प्रधान सहित कई नेताओं ने दिल्ली विधानसभा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इन नामों पर आपत्ति जताई है. इनका कहना है कि मुगलों और आक्रांताओं के नामों पर रखे गए इलाकों के नाम देश की संस्कृति का अपमान हैं. अब समय आ गया है कि दिल्ली को "वास्तविक भारतीय पहचान" दी जाए.

स्थानीय सांस्कृतिक के अनुसार बदलने की मांग

अनिल जादौन ने विशेष रूप से नजफगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि “नजफ” एक इस्लामिक नाम है और इसका संबंध मुगलकालीन इतिहास से है. उन्होंने सुझाव दिया कि नजफगढ़ का नाम बदलकर ‘नवग्रहपुर’ या ‘नवग्राम’ रखा जा सकता है. इसी प्रकार, मुस्तफाबाद को लेकर भाजपा विधायक जगदीश प्रधान ने कहा कि इस इलाके का नाम किसी सूफी संत या इस्लामिक प्रतीक से प्रेरित है, जिसे बदलकर कोई स्थानीय सांस्कृतिक नाम दिया जाना चाहिए.

नामों को हटाना ऐतिहासिक न्याय

यह मुद्दा सिर्फ इन दो इलाकों तक सीमित नहीं है. दिल्ली के कुछ अन्य इलाकों जैसे जाफराबाद, बाबरपुर, और हौज काजी के नामों को भी "सांस्कृतिक दृष्टि से असंगत" बताया जा रहा है. भाजपा नेताओं का कहना है कि जिन इलाकों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए हैं, उन्हें हटाना ऐतिहासिक न्याय है.

ध्रुवीकरण की राजनीति

हालांकि इस पहल की आलोचना भी हो रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि यह "ध्रुवीकरण की राजनीति" है और इससे दिल्ली की गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचेगा. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने इसे "मूल मुद्दों से भटकाने वाला एजेंडा" बताया.

कई नामों का बदलाव संभव 

भाजपा का कहना है कि जल्द ही इस मुद्दे पर एक औपचारिक प्रस्ताव तैयार कर दिल्ली नगर निगम और विधानसभा में रखा जाएगा. यदि यह प्रस्ताव पारित होता है तो राजधानी के नक्शे में कई नामों का बदलाव संभव हो सकता है.