मणिपुर पुलिस ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के आरोप में एक आदिवासी संगठन के वरिष्ठ नेता मुआन टोम्बिंग के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. टोम्बिंग ने कुछ समय पहले ही कहा था, कि कुकी समुदाय का अलग मुख्यमंत्री और अधिकारी होंगे, चाहे केंद्र सरकार उन्हें मान्यता दे या नहीं दे. टोम्बिंग ने यह भी कहा कि पिछले महीने योजना बनाई जा रही है कि तेंगनोउपल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में कूकी समुदाय के लोगों द्वारा ही शासन किया जाएगा.
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के महासचिव मुआन टोम्बिंग के खिलाफ गुरुवार को जिले के चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. टोम्बिंग के खिलाफ आईपीसी की धारा 121ए, 124ए, 153ए और 120 बी के तहत उन अपराधों जिनमें भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश या युद्ध छेड़ने का प्रयास करना या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना, देशद्रोह, दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना और आपराधिक साजिश शामिल है. यह FIR चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी एन थांगज़मुआन द्वारा दायर की गई थी.
मणिपूर सरकार ने इसको लेकर बयान दिया है कि इस तरह के बयान की कोई अहमियत नही है. इसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है. गुरुवार को बैठक के बाद मणिपुर सूचना विभाग द्वारा जारी कहा गया कि यह एक गैरजिम्मेदाराना बयान है. यह राज्य की कानून-व्यवस्था को खराब करने और लोगों को परेशान करने की एक साजिश है.
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मणिपुर की इम्फाल घाटी में बहुसंख्यक समुदाय मैती और कई पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली कुकी जनजाती के बीच मई महिने में जातीय हिंसा में 178 लोगों की मौत हो गई थी और 50,000 से ज्यादा लोग वहां से विस्थापित हो गए थे. वर्तमान में जमीन पर मतभेद चल रहा है कुकी अपने क्षेत्रों मे मैतीज को नही आने देते और मैती कुकी को अपने क्षेत्रों में प्रवेश नहीं दे रहे है.