नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी द्वारा दिए गए हालिया बयान ने दिल्ली के राजनीतिक माहौल को अचानक गर्म कर दिया है. चौधरी ने दावा किया था कि सरकार द्वारा आर्मी लीडर्स पर सार्वजनिक रूप से समर्थन जताने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसके बाद बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस पर सेना विरोधी सोच रखने का आरोप लगाया.
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने दिल्ली में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि रेणुका चौधरी के आरोप बेहद आपत्तिजनक और फोर्सेज की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं का मिलिट्री का राजनीतिकरण करने का इतिहास रहा है, और बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और हालिया ऑपरेशन सिंदूर पर संदेह जताकर उन्होंने सैनिकों के मनोबल को ठेस पहुंचाई है.
केसवन ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस नेताओं द्वारा पहले भी सेना प्रमुखों पर अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं. उन्होंने कहा कि कभी आर्मी चीफ को सड़क का गुंडा कहा गया, कभी राष्ट्रीय सुरक्षा ऑपरेशन्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए. यह सैनिकों के त्याग का अनादर है. उन्होंने चौधरी से तुरंत माफी की मांग करते हुए कहा कि देश और सेना किसी भी राजनीति से ऊपर हैं.
कांग्रेस ने इस पूरे विवाद पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन चौधरी के बयान ने सेना की स्वतंत्रता, सैन्य मामलों के राजनीतिकरण और सरकार-सेना संबंधों पर जारी बहस को नया मोड़ दे दिया है.
विवाद यहीं थमा नहीं. मंगलवार को BJP ने चौधरी पर उस घटना को लेकर भी हमला बोला, जिसमें वे संसद के विंटर सेशन के पहले दिन अपनी गोद में एक पपी लेकर पहुंच गईं. BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एक सांसद द्वारा इस तरह संसद परिसर में पालतू लेकर आना और फिर कुत्तों को लेकर टिप्पणी करना सदन की गरिमा के खिलाफ है. पात्रा ने राहुल गांधी के बयान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि LoP का कुत्ते को लेकर दिया गया जवाब गंभीर पद की गरिमा के अनुकूल नहीं था.
दरअसल विवाद तब गहराया जब चौधरी ने कहा जो काटते हैं वे अंदर हैं, जिसे BJP ने संसद और सांसदों का अपमान बताया. चौधरी ने कहा कि उन्होंने पपी को आते समय रास्ते से उठाया और बस कुछ देर के लिए अपने साथ लिया था. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या संसद में किसी MP द्वारा पालतू जानवर लाने पर स्पष्ट प्रतिबंध है.