नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के निर्देशों के तहत और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO की भूमिका पर समीक्षा करने के लिए प्रोफेसर के विजयराघवन (K VijayRaghavan) के नेतृत्व में विशेषज्ञों की 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है. ये कमेटी तीन महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. प्रोफेसर विजयराघवन भारत सरकार के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के प्रमुख वास्तुकारों में से एक हैं.
DRDO समीक्षा समिति के अन्य सदस्य हैं
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सुब्रत साहा, पूर्व उप सेना प्रमुख, वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे, पूर्व नौसेना स्टाफ प्रमुख, एयर मार्शल बी आर कृष्णा, पूर्व चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ, सुजान आर चिनॉय, महानिदेशक, एमपी-आईडीएसए, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल, एसपी शुक्ला, अध्यक्ष एसआईडीएम, लार्सन एंड टुब्रो के जे डी पाटिल, रक्षा, डॉ. एस उन्नीकृष्णन नायर, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, इसरो और सुश्री रसिका चौबे, वित्तीय सलाहकार, रक्षा मंत्रालय.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के फैसले से अवगत कराते हुए DRDO प्रमुख समीर वी कामत ने समिति के सदस्यों को सूचित किया कि समिति की शर्तें इस प्रकार हैं.
रक्षा विभाग (आर एंड डी) और डीआरडीओ की भूमिका का पुनर्गठन और पुनर्परिभाषित करना, साथ ही एक-दूसरे के साथ, शिक्षा और उद्योग के साथ उनके संबंधों को फिर से परिभाषित करना.
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास में शिक्षा जगत, एमएसएमई और स्टार्ट-अप की भागीदारी को अधिकतम करना.
उच्च गुणवत्ता वाली जनशक्ति को आकर्षित करना और बनाए रखना. जवाबदेही के साथ प्रोत्साहन को बढ़ाना. परियोजना आधारित जनशक्ति की प्रणाली को शामिल करना.
अत्याधुनिक और विघटनकारी रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एनआरआई/विदेशी सलाहकारों, अंतर-देशीय सहयोग की विशेषज्ञता का उपयोग करना.
परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन को प्राप्त करने के लिए प्रशासनिक, कार्मिक और वित्तीय प्रणालियों का आधुनिकीकरण करना.
प्रयोगशाला संरचनाओं का विस्तार और मूल्यांकन प्रक्रिया को युक्तिकरण करना.
जवाबदेही में कमी
बता दें कि, DRDO और संपूर्ण रक्षा अनुसंधान और उत्पादन इको-सिस्टम के कामकाज की समीक्षा करने का मोदी सरकार का निर्णय सराहनीय है. पीएम मोदी स्वयं संगठन में जवाबदेही की कमी और अनुसंधान में देरी को लेकर चिंतित थे.