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India Daily

Operation Mahadev: असॉल्ट राइफल, ग्रैनेड और रशद का भंडार, तस्वीरों में देखें पहलगाम हमले के आतंकियों के पास क्या-क्या मिला?

जम्मू-कश्मीर के लिडवास इलाके में 'ऑपरेशन महादेव' के तहत सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया, जिनमें से एक की पहचान पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा के रूप में होने की आशंका है. मुठभेड़ स्थल से बरामद तस्वीरों में असॉल्ट राइफलों, राशन और कंबलों से लैस आतंकियों का जंगल में बना ठिकाना दिखाई दिया.

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Edited By: Yogita Tyagi
Operation Mahadev
Courtesy: x\@cricatif

जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ चल रहे ‘ऑपरेशन महादेव’ में भारतीय सेना को बड़ी सफलता हाथ लगी है. श्रीनगर के पास लिडवास इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया है. यह मुठभेड़ सोमवार को शुरू हुई थी और सेना ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा के रूप में की जा रही है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अब भी बाकी है.

मुठभेड़ के बाद  सोशल मीडिया पर घटनास्थल की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें ये दावा किया जा रहा है कि, ये आतंकी मारे गए हैं, तस्वीर से आतंकियों के गुप्त ठिकाने की पोल खुलती नजर आ रही है. तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि घने जंगल के बीच एक अस्थायी शिविर बनाया गया था, जिसमें एक हरी तिरपाल की आड़ में असॉल्ट राइफलें, कंबल, कपड़े, प्लास्टिक की थैलियाँ, खाने-पीने का सामान और बर्तन रखे हुए थे. आतंकियों के शव झाड़ियों में पड़े हुए दिखे और चारों ओर हथियार बिखरे मिले. इससे पता चलता है कि वे लंबे समय तक वहां छिपने और लड़ाई की तैयारी में थे.

खुफिया सूचना पर शुरू हुआ ऑपरेशन

सेना की चिनार कोर ने 13 अप्रैल को मुठभेड़ की जानकारी साझा करते हुए बताया कि लिडवास के जनरल एरिया में आतंकियों से संपर्क स्थापित हो गया है और ऑपरेशन जारी है. सूत्रों के अनुसार, मुलनार इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया. इस दौरान गोलीबारी की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेरकर अभियान तेज कर दिया.

पहलगाम आतंकी हमला

 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में 26 निर्दोष टूरिस्ट्स की निर्मम हत्या कर दी गई थी. आतंकियों ने पहले पीड़ितों को धार्मिक कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी. यह हमला देश को झकझोर देने वाला था, जिसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सभी वीजा सेवाएं रद्द कर दीं और सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया. इस हमले की प्रतिक्रिया में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया और सैकड़ों आतंकियों को ढेर कर दिया.

NIA की कार्रवाई में दो सहयोगी गिरफ्तार

जून में एनआईए ने इस हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने के आरोप में दो स्थानीय व्यक्तियों, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया. दोनों ने पहलगाम के हिल पार्क में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह दी थी और रसद सहायता भी दी. जांच में यह पुष्टि हुई कि हमले में शामिल आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे. एनआईए ने दोनों आरोपियों को यूएपीए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है और RC-02/2025/NIA/JMU केस के तहत आगे की जांच जारी है.