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कलकत्ता हाई कोर्ट का नया फरमान! केंद्र को अगस्त से बंगाल में मनरेगा फिर से शुरू करने का दिया निर्देश

सूचना के अधिकार (RTI) के जवाब से पता चला है कि, केंद्र सरकार ने 63 वर्कप्लेसों का निरीक्षण किया, जिसमें 31 स्थानों पर अनियमितताएं पाई गईं. इन अनियमितताओं के चलते केंद्र ने पश्चिम बंगाल के लिए MGNREGA फंडिंग को निलंबित कर दिया था.

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Edited By: Mayank Tiwari
Calcutta high court
Courtesy: Social Media

कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (18 जून) को केंद्र सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को 1 अगस्त से लागू करने का निर्देश दिया. इस दौरान हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार भविष्य में अनियमितताओं को रोकने के लिए कोई भी विशेष शर्त लागू कर सकती है. यह फैसला पश्चिम बंगाल में MGNREGA के कार्यान्वयन में व्यापक अनियमितताओं के कारण मार्च 2022 में केंद्र द्वारा फंडिंग रोकने के बाद आया है.

MGNREGA फंडिंग पर रोक का कारण

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना के अधिकार (RTI) के जवाब से पता चला है कि, केंद्र सरकार ने 63 वर्कप्लेसों का निरीक्षण किया, जिसमें 31 स्थानों पर अनियमितताएं पाई गईं. इन अनियमितताओं के चलते केंद्र ने पश्चिम बंगाल के लिए MGNREGA फंडिंग को निलंबित कर दिया था. इस कदम ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आजीविका पर निर्भर लाखों लोगों को प्रभावित किया. 

पश्चिम बंगाल को मिली थी भारी राशि

वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 में पश्चिम बंगाल को MGNREGA के तहत 7,507.80 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. हालांकि, इसके बाद के तीन वित्तीय सालों में राज्य को इस योजना के तहत कोई धनराशि नहीं मिली. इस फंडिंग की कमी ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे और रोजगार अवसरों पर गहरा असर डाला. 

कलकत्ता हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्देश

कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “केंद्र सरकार को MGNREGA को 1 अगस्त से लागू करना होगा.” साथ ही, अदालत ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने की छूट दी कि पुरानी अनियमितताएं दोहराई न जाएं. यह निर्णय ग्रामीण भारत में रोजगार और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

आगे की क्या होगी राह!

बता दें कि, यह फैसला पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन को फिर से गति दे सकता है. केंद्र और राज्य सरकार को अब मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि MGNREGA का कार्यान्वयन पारदर्शी और प्रभावी हो. इस योजना के तहत ग्रामीण भारत में बुनियादी ढांचे का विकास और गरीबी उन्मूलन संभव है.