नई दिल्ली: रेलवे के बुनियादी ढांचे को विस्तार देने के लिए केंद्र सरकार ने 32 हजार 500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इससे रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को 2,339 किलोमीटर का विस्तार मिलेगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. मल्टी-ट्रैकिंग के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़भाड़ कम होगी.
देश के अलग-अलग 9 राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करने वाली परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किमी की वृद्धि होगी और 7.06 करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
इन परियोजनाओं में गोरखपुर-कैंट-वाल्मीकि नगर के बीच मौजूदा लाइन का दोहरीकरण, सोन नगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट, नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रोड-विजयनगरम के बीच तीसरी लाइन और मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन के बीच मौजूदा लाइन का दोहरीकरण शामिल है. इसके अलावा गुंटूर-बीबीनगर, चोपन-चुनार के बीच मौजूदा लाइन का दोहरीकरण शामिल है.
ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, लोहा और स्टील, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 200 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल की ढुलाई होगी.
यह भी पढ़ें: BJP ने बंगाल में शहीद की पत्नी को बनाया उम्मीदवार, दिलचस्प चुनावी लड़ाई के आसार