menu-icon
India Daily
share--v1

नाम के आगे योगी लगाकर बीजेपी नेता को ही लगाया चूना, जानें कैसे पुलिस ने किया भंडाफोड़

UP News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बेहद ही हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है. दरअसल, गोरखपुर में गोरखनाथ के पते पर योगी कारपोरेशन नाम से फर्जी संस्था का पंजीकरण कराया गया था. इस मामले में कैंट पुलिस ने जालसाजी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

auth-image
Purushottam Kumar
up news

हाइलाइट्स

  • कैंट पुलिस ने दो जालसाजों को किया गिरफ्तार
  • बीजेपी नेत्री रंजना सिंह को लगाया था चूना

UP News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बेहद ही हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है. दरअसल, गोरखपुर में गोरखनाथ के पते पर योगी कारपोरेशन नाम से फर्जी संस्था का पंजीकरण कराया गया था. इस मामले में कैंट पुलिस ने जालसाजी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों आरोपियों ने अपने नाम के आगे योगी लगाया था और फिर बाद में योगी कॉरपोरेशन के नाम से एक संस्था का पंजीकरण कराया था.

कैंट पुलिस ने इन मामले में महाराजगंज के रहने वाले जालसाज योगी केदारनाथ और गाजियाबाद के रहने वाले जालसाज योगी हर्ष पर शिकंजा कसते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को इन आरोपियों के पास से 50 से ज्यादा फेक पहचान पत्र भी बरामद किए गए हैं. एक आरोपी केदारनाथ के पास से बीजेपी का एक फेक पहचान पत्र बरामद किया गया है. इस पहचान पत्र पर केदारनाथ  ने खुद को बीजेपी का प्रदेश महामंत्री बताया है. 

BJP पदाधिकारी के FIR पर एक्शन

कानपुर के सचंडी के गढ़ी भीमसेन की निवासी और बीजेपी की मंडल मंत्री रंजना सिंह की ओर से दर्ज कराई गई FIR पर ये दोनों गिरफ्तारी हुई है. रंजना सिंह ने बीते दिनों कैंट थाना में एक मामला दर्ज कराया कराया था. FIR में  रंजना सिंह ने कहा था कि एक लिंक के माध्यम से उन्हें योगी कार्पोरेशन ग्रुप आफ इंडिया ग्रुप का संदेश मिला था. इस ग्रुप के संयोजक केदारनाथ ने बाद में उन्हें फोन कर आधार कार्ड, फोटो और रुपए की डिमांड की थी.

BJP नेता को बनाया था शिकार 

जालसाज केदारनाथ सिंह ने फोन कर रंजना सिंह को बताया था कि उनको कानपुर नगर का प्रभारी बनाया जा रहा है. इसके बाद उन्होंने भरोसा करके मांगे गए दस्तावेज भेज दिया इसके बाद रंजना सिंह को कानपुर नगर प्रभारी का एक पहचान पत्र वाट्सएप पर शेयर कर दिया गया. रंजना सिंह को बाद में जब उनके साथ जालसाजी होने की जानकारी मिली तो उन्होंने FIR दर्ज कराई तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ.