नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा. सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले ही सभी राजनीतिक दलों के बीच रणनीतिक बैठकों का दौर शुरू हो गया है. रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें लगभग दो घंटे तक विभिन्न दलों के नेताओं ने आपस में चर्चा की.
बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सभी दलों ने सत्र को सुचारू रूप से चलाने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी ने ऐसा नहीं कहा कि वे संसद की कार्यवाही को रुकवाएंगे या हंगामा करेंगे.
#WATCH | Delhi: After the all-party meeting, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says, "No one said that the Parliament will not function or will not let it function. Some leaders said that they can create a ruckus in the House over SIR. I am saying this in a positive… pic.twitter.com/skH2YrjZlj
— ANI (@ANI) November 30, 2025Also Read
हालांकि, कुछ नेताओं ने यह जरूर संकेत दिया कि वे SIR मुद्दे पर सदन में विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. रिजिजू ने कहा कि सरकार विपक्ष की हर बात सुनने के लिए तैयार है, लेकिन संसद में चर्चा के लिए नियम और परंपराएं होती हैं, जिनका पालन जरूरी है. उन्होंने विपक्ष से भी सहयोग की अपील की.
सर्वदलीय बैठक के बाद शाम 4 बजे लोकसभा और राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठकों का आयोजन होना है. इन बैठकों में तय किया जाएगा कि सत्र के दौरान किन मुद्दों पर कितने समय तक चर्चा होगी और कौन से विधेयक कब पेश किए जाएंगे.
विपक्ष भी सत्र के लिए पूरी तैयारी में जुट गया है. सोमवार सुबह 10 बजे INDIA गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की महत्वपूर्ण बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में होगी, जिसमें पूरे सत्र की रणनीति बनाए जाने की संभावना है. इस बार शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा करवाना चाहती है.
वहीं, विपक्ष SIR मामले पर सरकार को घेरने का मन बना चुका है. इसके अलावा विपक्ष मणिपुर हिंसा, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को भी जोर शोर से उठाएगा. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर भी विपक्ष से अपील की है कि वे पूरे उत्साह से संसद की कार्यवाही में हिस्सा लें और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करें.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस सर्वदलीय बैठक को सिर्फ औपचारिकता करार दिया. उनका कहना है कि यह 15 दिनों का सत्र संसदीय इतिहास के सबसे छोटे सत्रों में से एक है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना विपक्ष से सलाह किए केवल अपनी सुविधा के अनुसार विषयों को चर्चा के लिए चुना है.
सर्वदलीय बैठक के बाद, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी का बयान सामने आया है. कल्याण बनर्जी ने कहा कि टीएमसी ने वे मुद्दे उठाए, जिन्हें हमने पहले उठाया था. लेकिन इन पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गई.
VIDEO | Delhi: After the all-party meeting ahead of the Winter Session of Parliament, TMC leader Kalyan Banerjee says, "The TMC raised issues we had flagged earlier, SIR, MGNREGA, but these were not allowed for discussion. Why were they not allowed? The Honourable Speaker had… pic.twitter.com/IEVRZ4gAPk
— Press Trust of India (@PTI_News) November 30, 2025
उन्होंने आगे कहा कि अगर संसद केवल सरकार की सहमति से चलती है, तो विपक्ष का क्या महत्व है?
जानकारी के अनुसार, शीतकालीन सत्र में लगभग 15 बैठकें होंगी और सरकार 10 नए विधेयक पेश कर सकती है.
1. एटॉमिक एनर्जी बिल, 2025
2. हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल
3. नेशनल हाईवे (अमेंडमेंट) बिल
4. कॉर्पोरेट लॉ (अमेंडमेंट) बिल
5. सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड (SMC) बिल
6. मणिपुर GST (अमेंडमेंट) बिल
7. संविधान (131वां संशोधन) बिल
8. रिपीलिंग एंड अमेंडमेंट बिल
9. ऑर्बिट्रेशन एंड कॉन्सीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल
10. इंश्योरेंस लॉ (अमेंडमेंट) बिल