बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता आकाश आनंद इन दिनों खूब चर्चा में हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष नेताओं के खिलाफ जोर-शोर से बयानबाजी करने वाले आकाश आनंद को उन्हीं की बुआ यानी मायावती ने नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है. इसी के साथ मायावती ने आकाश आनंद को 'अपरिवक्व' भी बताया. आकाश आनंद ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया है. इस बीच BSP के एक पुराने नेता का जिक्र खूब आ रहा है, जिनको लगभग इसी अंदाज में मायावती ने बाहर का रास्ता दिखाया था. हम बात कर रहे हैं बसपा के बड़े नेताओं में शामिल रहे जय प्रकाश सिंह की.
साल 2018 में जय प्रकाश सिंह उस समय बसपा के उपाध्यक्ष और नेशनल कोऑर्डिनेटर हुआ करते थे. अपने आक्रामक भाषणों और सक्रियता के चलते नेशनल कोऑर्डिनेटर पद तक पहुंचे जय प्रकाश सिंह को अचानक मायावती ने पद से हटा दिया था. दरअसल, जय प्रकाश सिंह ने राहुल गांधी के बारे में एक टिप्पणी की थी और उनकी यही टिप्पणी उन पर भारी पड़ गई. जय प्रकाश सिंह ने कहा था, 'एक बच्चा अपनी मां या पिता के जैसा दिख सकता है. अगर राहुल गांधी अपने पिता की तरह दिखते तो शायद वह भारतीय राजनीति में सफल होते लेकिन वह अपनी मां की तरह दिखती हैं जो कि एक विदेशी हैं. उनका खून विदेशी है. मैं गारंटी देता हूं कि वह राजनीति में सफल नहीं होंगे.'
दरअसल, आकाश आनंद के आक्रामक और विवादित भाषणों के बाद मायावती पर जय प्रकाश सिंह का ही उदाहरण देकर दबाव बनाया जा रहा था. कहा जा रहा था कि जब जय प्रकाश को पार्टी से बाहर निकाला जा सकता है तो आकाश आनंद के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही. हालांकि, बाद में मायावती ने आकाश आनंद के खिलाफ भी ऐक्शन ले लिया और उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया.
जय प्रकाश सिंह के इस बयान पर खूब हंगामा हुआ था. इसी के बाद मायावती ने उन्हें पद से हटा दिया. उस समय मायावती और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात भी चल रही थी ऐसे में जय प्रकाश के इस बयान ने असहज स्थिति पैदा कर दी थी. इसी के चलते मायावती ने न सिर्फ उन्हें पद से हटाया बल्कि पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. उस समय जय प्रकाश सिंह काफी ताकतवर नेता हुआ करते थे. तब मायावती ने अपने ही भाई आनंद कुमार को हटाकर जय प्रकाश सिंह को यह पद दिया था.
साल 2021 में मायावती ने आरोप लगाए कि पार्टी से निकाले जाने के बाद जय प्रकाश सिंह उन्हें (मायावती) मुख्यमंत्री बनाने के लिए घूम-घूमकर चंदा मांग रहे हैं जो कि अनुचित है. इस मामले में नोएडा के एक थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. उस वक्त जय प्रकाश सिंह ने एक बस को रथ बनाकर कांशीराम विचार यात्रा निकाली थी.
Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!