केंद्र ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी दे दी और आठ उच्च न्यायालयों के लिए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की. एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने देरी के लिए उससे स्पष्टीकरण मांगा था. इसने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की भी नियुक्ति की, जिसके लिए राज्य ने केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी. राष्ट्रपति ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, केरल, मद्रास, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और झारखंड के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के वारंट पर हस्ताक्षर किए.
इसको लेकर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हुए खुश हैं. सरकार के त्वरित निर्णय से शायद यह सुनिश्चित हो जाएगा कि उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों के मुद्दे पर कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मतभेद रस्साकशी में न बदल जाएं, जैसा कि पिछले साल न्यायिक कार्यवाही में देखा गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा कानून का पालन न करने पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की थी.
In exercise of the powers conferred by the Constitution of India, the President is pleased to appoint/ transfer the following Chief Justices of High Courts:- pic.twitter.com/m9JzyJxQia
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) September 21, 2024Also Read
सरकार ने दिल्ली HC के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन को अपना मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है. दिल्ली HC के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर को हिमाचल प्रदेश HC का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. दिल्ली HC के एक अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कैत मध्य प्रदेश HC के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे. कलकत्ता HC के न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंद्र प्रसन्ना मुखर्जी को मेघालय HC का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नितिन मधुकर जामदार केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में वहां जाएंगे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ताशी राबस्तान को उसी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीराम कल्पना राजेंद्रन को मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रन राव को झारखंड हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार से पूछा कि वह बताए कि न्यायाधीश पद के लिए अनुशंसित कुछ नाम लंबित क्यों हैं और किस स्तर पर हैं. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दे भी अनसुलझे हैं, जिनमें कुछ हाईकोर्ट न्यायाधीशों का स्थानांतरण और उन नामों को मंजूरी देना शामिल है जिन्हें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट न्यायाधीश पद के लिए दोहराया था. देरी और कॉलेजियम की सिफारिश में से "चुनने और चुनने" की केंद्र की नीति भी शासन के दो अंगों के बीच विवाद का विषय है और अदालत ने अपनी न्यायिक कार्यवाही में बार-बार इस मुद्दे को उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में न्यायाधीशों की समयबद्ध नियुक्ति के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किए थे और प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों के लिए निर्णय लेने की समयावधि तय की थी. इसने कहा था कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को केंद्र को HC कॉलेजियम की सिफारिश की तारीख से 4-6 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट/इनपुट प्रस्तुत करनी चाहिए, जिसे राज्य और आईबी रिपोर्ट से विचार प्राप्त होने की तारीख से 8-12 सप्ताह के भीतर फाइल को सुप्रीम कोर्ट को भेजना चाहिए. इसके बाद, CJI चार सप्ताह के भीतर कानून मंत्री को सिफारिशें/सलाह भेजेंगे. केंद्र तुरंत नियुक्ति करेगा या वह पुनर्विचार के लिए सिफारिश वापस भेज सकता है और यदि नाम दोहराए जाते हैं तो उन्हें 3-4 सप्ताह के भीतर नियुक्त किया जाना चाहिए.