NSA Ajit Doval: अगले हफ्ते भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल चीन के दौरे पर जा सकते हैं. इस साल अजीत डोभाल का दूसरा होगा. इस दौरान उनका मकसद साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा स्टैंड लेना और भारत-चीन संबंधों में तनाव को कम करना. इसके साथ ही यह यात्रा सितंबर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट की तैयारियों का भी हिस्सा है.
इस समय दुनिया की नजरें इजरायल और ईरान के बीच चल रहे टकराव पर हैं. ऐसे हालात में अजीत डोभाल का यह दौरा और भी अहम माना जा रहा है. अभी यह साफ नहीं है कि ईरान के NSA इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं, लेकिन डोभाल चीन, रूस और अन्य SCO सदस्य देशों के सुरक्षा सलाहकारों से बातचीत जरूर करेंगे.
सभी की नजर इस पर टिकी है कि अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात होगी या नहीं. वांग यी चीन के विशेष प्रतिनिधि भी हैं और यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हो सकती है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव है और चीन खुलकर पाकिस्तान को सैन्य मदद दे रहा है.
खबरों के मुताबिक, अजीत डोभाल इस मंच से आतंकवाद पर बेहद सख्त रुख अपनाने वाले हैं. वो आतंकियों को मिलने वाली विदेशी मदद और नेटवर्क को लेकर सीधे संदेश देंगे. भारत चाहता है कि SCO का फोकस आतंकवाद की निंदा पर हो, खासकर हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर.
भारत इस बात पर भी जोर देगा कि सीमा पार आतंकवाद, खासकर पाकिस्तान की भूमिका पर स्पष्ट रुख लिया जाए. वहीं पाकिस्तान चाहता है कि जाफर एक्सप्रेस और बलूच विद्रोहियों के हमलों का भी जिक्र किया जाए. भारतीय अधिकारियों का मानना है कि इन घटनाओं की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि पाकिस्तान भारत के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है.
इस बैठक में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने पर भी बात हो सकती है. चीन ने भारत से इस पर विचार करने को कहा है. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने चीन को कड़ा संदेश दिया था. खासकर पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर.
SCO (शंघाई सहयोग संगठन) एशिया के कुछ अहम देशों का सुरक्षा समूह है, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए बना है. इसका एक खास यूनिट है RATS (रीजनल एंटी-टेरर स्ट्रक्चर), जो आतंकवाद के मामलों पर जानकारी इकट्ठा करता है और रणनीति बनाता है.