Snake Venom Case: यूट्यूबर और सोशल मीडिया स्टार एल्विश यादव को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने स्नेक वेनम मामले में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की याचिका ठुकरा दी. कोर्ट ने साफ कहा कि किसी व्यक्ति की लोकप्रियता या सामाजिक हैसियत उसे कानूनी संरक्षण देने का आधार नहीं हो सकती. सभी लोग कानून की नजर में बराबर हैं. यह फैसला 6 जून 2025 को सुनाया गया.
एल्विश यादव को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका
एल्विश ने भर्तिया नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 528 के तहत कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने 5 अप्रैल 2024 को दाखिल चार्जशीट, 8 अप्रैल 2024 को जारी समन आदेश और नोएडा के सेक्टर-49 पुलिस स्टेशन में दर्ज केस क्राइम नंबर 461/2023 की पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी. यह मामला नवंबर 2023 में दर्ज हुआ था, जिसमें एल्विश और अन्य लोगों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के उल्लंघन का आरोप है.
रेव पार्टी में सांपों के जहर के कथित उपयोग की शिकायत पर छापेमारी
मामला तब सुर्खियों में आया जब नोएडा पुलिस ने एक रेव पार्टी में सांपों के जहर के कथित उपयोग की शिकायत पर छापेमारी की. जांच में पता चला कि एल्विश का नाम एक म्यूजिक वीडियो शूट के दौरान सांपों के इस्तेमाल और नशीले पदार्थों से जुड़ा है. उनके वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन सिन्हा ने दलील दी कि प्राथमिकी गलत थी और इसे एक पशु कल्याण अधिकारी ने दर्ज किया था, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 55 के तहत मुकदमा शुरू करने के लिए अधिकृत नहीं था.
'कानून सभी के लिए समान'
हालांकि कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि कानून सभी के लिए समान है और लोकप्रियता के आधार पर कोई विशेष छूट नहीं दी जा सकती. इस फैसले ने एल्विश के फैंस को निराश किया है, जो सोशल मीडिया पर उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे. अब निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी. दूसरी ओर एल्विश के यूट्यूब और सोशल मीडिया करियर पर इस मामले का असर पड़ सकता है, क्योंकि उनके फॉलोअर्स इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं.