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Saare Jahan Se Accha Trailer Out: थ्रिलर सीरीज ‘सारे जहां से अच्छा’ का धांसू ट्रेलर रिलीज, इस ओटीटी प्लैटफॉर्म पर आएगा ड्रामा

Saare Jahan Se Accha Trailer Out: नेटफ्लिक्स की आगामी जासूसी थ्रिलर सीरीज ‘सारे जहां से अच्छा’ ऐसी ही एक कहानी लेकर आ रही है, जिसमें प्रतीक गांधी रॉ एजेंट विष्णु शंकर के रोल में दर्शकों को रोमांचित करने को तैयार हैं. ट्रेलर रिलीज हो चुका है, और यह देशभक्ति, सस्पेंस और बलिदान की एक गहन कहानी का वादा करता है. आइए, इस सीरीज की हर खास बात को जानें.

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Edited By: Babli Rautela
Saare Jahan Se Accha Trailer Out
Courtesy: Social Media

Saare Jahan Se Accha Trailer Out: जब देश आजादी का जश्न मना रहा होता है, तो कुछ गुमनाम हिरो चुपके से देश की रक्षा के लिए युद्ध लड़ते हैं. न हथियारों से, न तालियों के शोर में, बल्कि अपने तेज दिमाग और बलिदान की भावना से. नेटफ्लिक्स की आगामी जासूसी थ्रिलर सीरीज ‘सारे जहां से अच्छा’ ऐसी ही एक कहानी लेकर आ रही है, जिसमें प्रतीक गांधी रॉ एजेंट विष्णु शंकर के रोल में दर्शकों को रोमांचित करने को तैयार हैं. ट्रेलर रिलीज हो चुका है, और यह देशभक्ति, सस्पेंस और बलिदान की एक गहन कहानी का वादा करता है. आइए, इस सीरीज की हर खास बात को जानें.

‘सारे जहां से अच्छा’ 1970 के दशक की उथल-पुथल भरी कहानी है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था. एक छोटी सी चूक वैश्विक परमाणु युद्ध को जन्म दे सकती थी. यह सीरीज रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और पाकिस्तान की आईएसआई के बीच रणनीतिक जासूसी खेल को दर्शाती है. 

‘सारे जहां से अच्छा’ ट्रेलर रिलीज

ट्रेलर में प्रतीक गांधी के किरदार विष्णु शंकर को एक साहसी रॉ एजेंट के रूप में दिखाया गया है, जिसे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने का खतरनाक मिशन सौंपा गया है. सनी हिंदुजा द्वारा निभाया गया आईएसआई एजेंट मुर्तजा मलिक उनका कड़ा प्रतिद्वंद्वी है. ट्रेलर की हर फ्रेम में सस्पेंस, तनाव और देशभक्ति की भावना झलकती है, जो दर्शकों को बांधे रखने का वादा करती है.

प्रतीक गांधी का दमदार अवतार  

‘स्कैम 1992’ और ‘फुले’ में अपने शानदार अभिनय से तारीफ बटोरने वाले प्रतीक गांधी इस बार रॉ एजेंट विष्णु शंकर के रूप में एक नई चुनौती स्वीकार कर रहे हैं. ट्रेलर में उनका गंभीर और दृढ़ किरदार कर्तव्य और नैतिकता के बीच संतुलन बनाता नजर आता है. प्रतीक ने अपने किरदार के बारे में कहा, “विष्णु की दुनिया में गलती की कोई गुंजाइश नहीं है. हर कदम सोच-समझकर उठाया जाता है, हर भावना दबी होती है. शांति के पीछे की तीव्रता और अदृश्य होते हुए भी भारत के लिए लड़ने का भावनात्मक बोझ मुझे आकर्षित करता है.' उनकी यह बात उनके किरदार की गहराई को दर्शाती है.