बुरहानपुर के नेपानगर थाना क्षेत्र के नवरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला को इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसने धर्म परिवर्तन और शादी से इनकार कर दिया था. इस घटना ने प्रदेशभर में सनसनी फैला दी है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
35 वर्षीय भाग्यश्री नामदेव धनुक पर 42 वर्षीय शेख रहीस नामक व्यक्ति ने रात के समय उसके घर में घुसकर हमला किया. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पहले महिला का गला रेता और फिर उस पर कई बार चाकू से वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. भाग्यश्री की बहन सुभद्रा बाई ने बताया, “रहीस कई महीनों से बहन को परेशान कर रहा था. वह बाल खींचकर मारता था, जबरन शादी और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता था. बहन ने मना किया, तो वह रात को घर में घुस आया और हत्या कर दी.”
स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है. प्रदर्शनकारियों की ओर से अमित वरूड़े ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है. उनका कहना है कि भाग्यश्री ने हत्या से महज कुछ दिन पहले ही आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया. उन्होंने कहा “अगर समय पर कार्रवाई होती तो आज वो जिंदा होती.”
पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. वहीं प्रशासन ने भी त्वरित कदम उठाते हुए आरोपी की अवैध संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है. एसडीएम भगीरथ वखाला ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कई तरह की शिकायतें मिली हैं, और उसके अतिक्रमणों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
प्रदर्शनकारियों ने इस हत्या को 'लव जिहाद' का मामला करार दिया है. इस शब्द का प्रयोग उन मामलों में किया जाता है, जहां मुस्लिम पुरुषों पर हिंदू महिलाओं को शादी के लिए फुसलाने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगता है. यह मामला फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बहस खड़ा कर रहा है.