Punjab 95 Poster: पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ ने अपनी आगामी फिल्म पंजाब 95 के नए पोस्टर से फैंस को चौंका दिया है. इस पोस्टर में वे मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की भूमिका में नजर आ रहे हैं, और उनका लुक इतना गंभीर और प्रभावशाली है कि वे लगभग पहचान में नहीं आ रहे. खून से सना चेहरा, बंधे हुए हाथ और डरावनी निगाहों वाला यह पोस्टर फिल्म की संवेदनशील और गंभीर कहानी की झलक देता है. पोस्टर के वायरल होने के बाद पंजाब 95 एक बार फिर चर्चा में है, और फैंस इसकी रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
दिलजीत ने इंस्टाग्राम पर पंजाब 95 के तीन पोस्टर साझा किए, जिनमें पहली तस्वीर में वे एक साधारण कुर्ता और पगड़ी में कच्ची फर्श पर बैठे दिखे, दूसरी में उनका चेहरा खून और चोटों से लथपथ है, और तीसरी में वे दो बच्चों के साथ पोज देते नजर आए. कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'मैं अंधेरे को चुनौती देता हूं. पंजाब 95.' यह लुक न केवल जसवंत सिंह खालरा के संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि फिल्म के इमोशनल और थ्रिलर तत्वों को भी उजागर करता है. फैंस ने इस पोस्टर की खूब तारीफ की, एक यूजर ने लिखा, 'यह लुक रोंगटे खड़े करने वाला है. दिलजीत, आप जसवंत जी की कहानी को जीवंत करने वाले हैं!'
हनी त्रेहान की डायरेक्टेड और रॉनी स्क्रूवाला, अभिषेक चौबे और हनी त्रेहान द्वारा निर्मित पंजाब 95 जसवंत सिंह खालरा की वास्तविक जिंदगी पर आधारित है. खालरा एक मानवाधिकार कार्यकर्ता थे, जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक में पंजाब में उग्रवाद के दौरान पुलिस द्वारा कथित तौर पर 25,000 से अधिक सिख युवाओं की गैरकानूनी हत्याओं, अपहरण और गुप्त दाह संस्कारों का पर्दाफाश किया था. उनकी जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इन आंकड़ों को माना. 6 सितंबर 1995 को खालरा रहस्यमय तरीके से लापता हो गए, और बाद में उनकी हत्या की पुष्टि हुई. 2005 में सीबीआई जांच में पंजाब पुलिस के छह अधिकारियों को उनकी हत्या का दोषी ठहराया गया.
फिल्म में दिलजीत खालरा की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि अर्जुन रामपाल और जगजीत संधू भी अहम किरदारों में हैं. हनी त्रेहान ने फिल्म को 'व्यवस्थागत क्रूरता और सत्ता के सामने सच बोलने की कीमत' का चित्रण बताया है.
पंजाब 95 लंबे समय से सेंसर बोर्ड के विवादों में फंसी हुई है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म में 127 कट्स लगाने की मांग की थी, जिसमें खालरा के नाम और फिल्म के टाइटल को बदलने जैसे सुझाव शामिल थे. सेंसर बोर्ड ने पंजाब, तरनतारन और गुरबानी से जुड़े सीन हटाने की भी बात कही. जसवंत सिंह खालरा की पत्नी परमजीत कौर खालरा ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया, उनका कहना था, 'यह फिल्म परिवार की सहमति से बनी है और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. इसे बिना कट्स के रिलीज करना चाहिए.' निर्माताओं ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, और फिल्म का मूल नाम घल्लूघारा से बदलकर पंजाब 95 किया गया.