कराची के पंजाब कॉलोनी में लंबे समय तक बिजली कटौती के खिलाफ शनिवार को हुए प्रदर्शन ने शहर में यातायात को ठप कर दिया. यह घटना पाकिस्तान में ऊर्जा प्रबंधन और शासन की पुरानी विफलताओं को उजागर करती है. पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार द डॉन के अनुसार, एक 10 मंजिला आवासीय इमारत के निवासियों ने पंजाब चौरंगी के पास मुख्य सड़क को जाम कर दिया, क्योंकि शुक्रवार सुबह 11 बजे से 24 घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति बाधित रही.
बिजली संकट और जनाक्रोश
80 फ्लैटों वाली इस इमारत के निवासियों ने बार-बार शिकायत करने के बावजूद, शहर की एकमात्र बिजली वितरक कंपनी के-इलेक्ट्रिक से कोई जवाब न मिलने पर सड़कों पर उतरने का फैसला किया. इस धरने ने डिफेंस रोड और आसपास के इलाकों में यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया. कय्यूमाबाद से केपीटी फ्लाईओवर तक मालवाहक ट्रेलरों और टैंकरों की लंबी कतारें लग गईं, जो कराची बंदरगाह के संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं. बोट बेसिन, गिजरी और हिनो चौरंगी जैसे प्रमुख चौराहों पर घंटों तक जाम रहा, जिससे हजारों यात्री फंस गए.
क्यों काटी गई बिजली
रिपोर्ट्स, यह संकट तब शुरू हुआ जब के-इलेक्ट्रिक ने पास की पीएंडटी कॉलोनी में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया. निवासियों का दावा है कि इस अभियान के दौरान कर्मचारियों ने वैध और अवैध कनेक्शनों को बिना उचित प्रक्रिया के काट दिया, जिससे पूरी इमारत अंधेरे में डूब गई. के-इलेक्ट्रिक ने प्रदर्शनकारियों को “उपद्रवी” करार देते हुए दावा किया कि उनकी टीमों पर हमला हुआ जब वे केबल टीवी नेटवर्क की आड़ में चल रही बिजली चोरी को रोकने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, यह साबित नहीं हुआ कि सभी प्रभावित निवासी चोरी में शामिल थे.
आंशिक समाधान, बुनियादी समस्या बरकरार
के-इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया, “हमारी टीमें बिजली चोरी रोकने की कोशिश में थीं, लेकिन उन पर हमला हुआ.” स्थानीय नेताओं और कानून प्रवर्तन के आश्वासन के बाद कुछ क्षेत्रों में बिजली बहाल की गई. फिर भी, पाकिस्तान की बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और पारदर्शी बिजली वितरण सुनिश्चित करने में विफलता ने लाखों नागरिकों को संकट में डाल रखा है. यह घटना अलग-थलग नहीं है, बल्कि शासन की व्यापक विफलता का प्रतीक है.