IIM Kolkata Rape Case: कोलकाता के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कलकत्ता परिसर में एक महिला द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद कोलकाता पुलिस ने इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए एसआईटी यानी एक नौ सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है. पुलिस के अनुसार, यह कथित घटना शुक्रवार को प्रतिष्ठित संस्थान के पुरुष छात्रावास में हुई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले में गिरफ्तार किए गए छात्र की पहचान महावीर टोप्पन्नावर उर्फ परमानंद जैन के रूप में हुई है, जो आईआईएम कलकत्ता का अंतिम वर्ष का छात्र है. अदालत ने 19 जुलाई तक आरोपी को पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
जांच का नेतृत्व दक्षिण-पश्चिम कोलकाता के एक सहायक पुलिस आयुक्त कर रहे हैं. पुलिस ने कहा कि जांच मुख्य रूप से डिजिटल और फोरेंसिक सबूतों पर केंद्रित है. इसके तहत अपराध स्थल से खाने के अवशेष और अन्य साक्ष्य एकत्र किए गए हैं, जो प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं. इसके अलावा, परिसर से सीसीटीवी फुटेज भी जुटाया गया है.
हालांकि, इस मामले में एक नया मोड़ उस समय आया जब पीड़िता के पिता ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी बेटी ने बताया था कि वह एक वाहन से गिर गई थी, बेहोश हो गई थी और उसे चोटें आई थीं. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने जबरन शिकायत लिखवाई और बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं घटी.
शनिवार को अदालत में बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि जो कुछ हुआ वह सहमति से हुआ था और आरोपी को जमानत दी जाए. हालांकि, सरकारी पक्ष ने मेडिकल साक्ष्यों का हवाला देते हुए बलात्कार की पुष्टि की बात कही, जिसे अदालत ने स्वीकार किया और आरोपी को हिरासत में भेज दिया.
आरोपी की मां ने भी बेटे की गिरफ्तारी पर हैरानी जताते हुए कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, “रात 11 बजे उसके दोस्त ने हमें बताया कि उसे हिरासत में लिया गया है। हमें कारण नहीं बताया गया. वह अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में है और अच्छा बच्चा है.”
इस बीच, पश्चिम बंगाल राज्य महिला आयोग ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय ने कहा कि वे पीड़िता और उसके परिवार से मिलकर सच सामने लाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि परिवार सामाजिक दबाव के कारण चुप है, तो उन्हें संरक्षण दिया जाएगा.