ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन को पिछले महीने तेहरान और यरुशलम के बीच चले 12 दिनों के युद्ध के दौरान इजरायल के एक हवाई हमले में मामूली चोटें आईं. यह जानकारी ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से जुड़ी फार्स न्यूज़ एजेंसी ने दी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जून को, युद्ध के चौथे दिन, राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल थे. तभी एक मिसाइल ने इमारत को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पैर में चोट लगी. यह हमला तेहरान के पश्चिमी क्षेत्र शाहरक-ए-घर्ब में हुआ.
जानिए क्या है पूरा मामला?
फार्स न्यूज़ के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य राष्ट्रपति के साथ-साथ संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघर घालिबाफ और न्यायपालिका प्रमुख मोहसेनी एजेई जैसे अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाना था. हमले की रणनीति इजरायल द्वारा बेरूत में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के लिए अपनाई गई रणनीति से मिलती-जुलती थी. इजरायल ने छह मिसाइलों का उपयोग कर इमारत के प्रवेश और निकास बिंदुओं को निशाना बनाया. उस समय ईरानी नेता इमारत के निचले तल पर थे. हमले के दौरान क्षेत्र की बिजली आपूर्ति काट दी गई, लेकिन एक आपातकालीन हैच के माध्यम से नेताओं को सुरक्षित निकाला गया. निकासी के दौरान राष्ट्रपति पेज़ेशकियन सहित कई अधिकारियों को मामूली चोटें आईं.
आंतरिक रिसाव की आशंका
हमले की सटीकता ने ईरानी अधिकारियों में आंतरिक रिसाव की आशंका को जन्म दिया है. प्राधिकरण अब इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि हमले की जानकारी किसी अंदरूनी सूत्र ने लीक की हो.
राष्ट्रपति का बयान
राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ने फार्स न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में दावा किया कि इजरायल ने उनकी हत्या का प्रयास किया था. उन्होंने कहा, “हां, उन्होंने कोशिश की थी... उन्होंने उचित कार्रवाई की, लेकिन वे असफल रहे.” उन्होंने आगे कहा, “उनके जासूसों की खुफिया जानकारी के आधार पर, उन्होंने उस क्षेत्र पर बमबारी करने की कोशिश की जहां हम बैठक कर रहे थे.
इजरायल का बड़ा हमला
इजरायल ने यह व्यापक हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा परमाणु समझौते के लिए 60 दिनों की समय सीमा तय करने के 61 दिन बाद शुरू किया था. इजरायल का कहना था कि यह हमला ईरान के घोषित लक्ष्य, यानी इजरायल को नष्ट करने की मंशा को रोकने के लिए था. इस ऑपरेशन में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों, यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाया गया.
12 दिनों के इस हमले में इजरायली हवाई हमलों ने IRGC कमांडर होसैन सलामी, सशस्त्र बलों के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी और IRGC वायुसेना कमांडर अमीर अली हाजीज़ादेह सहित कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया.