नई दिल्ली: 11 जुलाई 1983 का दिन जब से T-सीरीज (T-Series) की शुरुआत हुई. साल 1988 में T-Series पर आमिर खान और जूही चावला की फिल्म क़यामत से क़यामत तक रिलीज हुई. इस फिल्म को देखने वालों की संख्या काफी थी, 80 लाख कैसेट इस फिल्म को देखने के लिए खरीदे गए. इसके बाद इसमें दूसरी फिल्म साल 1990 में आशिकी रिलीज हुई और उसका म्यूजिक एल्बम पूरी दुनिया में छा गया.
इसके बाद T-सीरीज के नाम का सिक्का चलने लगा. अनुराधा पौंडवाल, सोनू निगम जैसे हीरे देने वाला टी-सीरीज ही था. दरियागंज में जूस की दुकान चलाने वाले एक लड़के ने पूरे म्यूजिक इंडस्ट्री की काया पलट दी थी. ये सब उस लड़के का कमाल था जिसने 7 रुपये की कैसेट से लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली.
1997 में गुलशन कुमार का इंडस्ट्री में रौला चल रहा था. टिप्स और सारेगामा, T-सीरीज के सामने फीका पड़ चुका था. आलम ये था कि उस दौर में हर बड़ी फिल्म के म्यूजिक राइट्स टी सीरीज को दिए जाते थे. फिर आई वो काली रात जब सिंगर गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई क्योंकि उस वक्त अंडरवर्ड का फिल्म इंडस्ट्री पर दबदबा था. फिल्म इंडस्ट्री के लोग अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए थे.
साल 1997 को गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी. हत्या में अबु सलेम का नाम भी शामिल था. लेकिन जब भी अदालत में उसका नाम आता तो उसके नाम के आगे एब्सेंट लिख दिया जाता. आखिर क्यों गुलशन कुमार की हत्या में अबु सलेम का नाम नहीं चल पाया?
12 अगस्त 1997 की का वो दिन जब सुबह-सुबह गुलशन कुमार शिव मंदिर जाने के लिए अपनी लाल कलर की गाड़ी में बैठे. उसी दौरान उनकी हत्या हुई थी. पहले 7 जून 1994 की बात करते हैं जब जावेद रियाज़ सिद्दीकी नाम के एक फिल्म प्रोड्यूसर हुआ करते थे. वह तू विष मैं अमृत, फिल्म बना रहे थे जिसमें उन्होंने ज़ेबा अख्तर को हिरोइन लिया था. कहा जाता है कि पाकिस्तानी एक्ट्रेस की इस फिल्म में एंट्री दाऊद इब्राहिम के कहने पर हुई थी लेकिन ज़ेबा को साइन करने के कुछ दिन बाद उन्होंने उनको फिल्म से निकालने का प्लान बनाया. इसके बाद दाऊद इब्राहिम ने उनको मरवा दिया.
इसके बाद गुलशन कुमार को भी धमकी भरे कॉल आने लगे. दरअसल, नदीम सैफी ने एक एल्बम लॉन्च किया और वह चाहते थे कि उनके एल्बम के राइट्स टी-सीरीज खरीदे. हालांकि, उनके राइट्स को खरीदा गया लेकिन बाद में वह गाना फ्लॉप हो गया फिर बाद में नदीम ने अपने एल्बम के फ्लॉप होने का इलजाम गुलशन कुमार पर लगाया कि उन्होंने फिल्म को अच्छे से प्रमोट नहीं किया.
इसके बाद उनको फिर धमकी भरा कॉल आया कि ‘वैष्णो देवी में रोज़ लंगर खिलते हो, कुछ हमें भी खिलाओ’, इसके बाद उनसे 10 करोड़ की मांग की लेकिन उन्होंने मना कर दिया तब मंदिर के बाहर उन पर गोलियां चला दी गई. गुलशन कुमार को कहा गया कि आप पुलिस का सहारा लें लेकिन उनका ऐसा मानना था कि इससे कुछ नहीं होने वाला है.