Bigg Boss 13 Contestants: बिग बॉस के पॉपुलर कंटेस्टेंट की दिल का दौरा पड़ने से हुई असामयिक मौतों ने मनोरंजन इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है. हाल ही में, 42 साल की एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की 27 जून 2025 को दिल के दौरे से मौत हो गई, जिसने सभी को हैरान कर दिया. इससे पहले, बिग बॉस 13 के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला भी इसी तरह की दुखद घटनाओं का शिकार हो चुके हैं. इन हस्तियों की मौत ने सेलिब्रिटी जीवन के तनाव और स्वास्थ्य की अनदेखी के गंभीर परिणामों पर सवाल उठाए हैं.
42 साल की शेफाली जरीवाला, जिन्हें 2002 के म्यूजिक वीडियो 'कांटा लगा' से प्रसिद्धि मिली, का 27 जून 2025 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बिग बॉस 13 में उनकी बेबाक शख्सियत ने दर्शकों का दिल जीता था. उनके पति, पराग त्यागी और कुछ करीबी लोगों ने उन्हें मुंबई के अंधेरी स्थित बेलेव्यू अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनकी मौत ने फैंस को गहरे शोक में डुबो दिया. शेफाली ने अपनी फिटनेस और आत्म-स्वीकृति की चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की थी, जो उनकी प्रेरणादायक छवि का हिस्सा थी.
बिग बॉस 13 के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला का 2 सितंबर 2021 को 40 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 'बालिका वधू' और 'ब्रोकन बट ब्यूटीफुल 3' जैसे शोज से मशहूर सिद्धार्थ की अचानक मृत्यु ने पूरे देश को झकझोर दिया. बिग बॉस में उनकी नेतृत्व क्षमता और करिश्मे ने उन्हें लाखों दिलों की धड़कन बनाया था. उनकी दोस्ती, खासकर शेफाली के साथ, दर्शकों को बहुत पसंद थी. उनकी असामयिक मृत्यु ने मनोरंजन जगत में एक खालीपन छोड़ दिया.
शेफाली, सिद्धार्थ की मौत ने मनोरंजन उद्योग की चमक-दमक के पीछे छिपे तनाव को उजागर किया है. लगातार काम का दबाव, प्रसिद्धि की जिम्मेदारी और मानसिक तनाव सेलिब्रिटीज के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है.
बता दें की ईसाई लोगों में 13 संख्या इसलिए अशुभ मानी जाती है क्योंकि ईसा मसीह ने अपने अनुयायियों के साथ जो अंतिम भोज किया था उसमें जूडस समेत 13 लोग थे. कहा जाता है कि कि जूडस ने ईसा के साथ उस वक्त विश्वासघात किया था, जिसके फलस्वरूप ईसा मसीह को सूली चढ़ाया गया. लेकिन हिंदू धर्म में 13 नंबर को शुभ माना जाता है. 13वीं तिथि, जिसे त्रयोदशी भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित है और इसे शुभ माना जाता है. पश्चिमी संस्कृतियों में, 13 नंबर को अशुभ माना जाता है और इसे 'ट्रिस्काइडेकाफोबिया' नामक डर से जोड़ा जाता है.