Donald Trump: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले हवाई हमलों के बाद 25 जून 2025 को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित सीजफायर लागू हुआ, जिसने मध्य पूर्व में अस्थायी शांति स्थापित की. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सख्त लहजे में कहा कि 21 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नटांज और इस्फहान—को 'पूरी तरह तबाह' कर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ईरान अपनी 'संवेदनशील गतिविधियां' फिर शुरू करता है, तो अमेरिका दोबारा हमला करने से नहीं हिचकिचाएगा.
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने दावा किया कि अमेरिका ने कतर में उनके सैन्य अड्डे को नष्ट कर दिया, जो 'अमेरिका के मुंह पर तमाचा' है. इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि वह खामेनेई की टिप्पणियों पर जल्द प्रतिक्रिया देंगे. उन्होंने उन दावों को भी खारिज किया, जिनमें कहा गया कि ईरान के परमाणु ठिकानों को उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना अमेरिका दावा कर रहा है. ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) या अन्य विश्वसनीय स्रोतों द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों के निरीक्षण का समर्थन किया.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला, न कि पूरी तरह नष्ट किया. वहीं, ट्रंप और उनके रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने दावा किया कि नुकसान 'विनाशकारी' था. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी स्वीकार किया कि परमाणु ठिकानों को गंभीर क्षति पहुंची, लेकिन खामेनेई ने दावा किया कि कोई नुकसान नहीं हुआ. इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि ईरान ने संवर्धित यूरेनियम को इस्फहान की भूमिगत सुरंगों में छिपा रखा है, जिसे बमबारी के बाद पहुंच से बाहर कर दिया गया.
इजरायल को डर है कि ईरान के पास अभी भी संवर्धित यूरेनियम हो सकता है, जिससे वह परमाणु हथियार बना सकता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि हमले से पहले यूरेनियम को हटाया नहीं गया था. दूसरी ओर, इजरायल के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने न्यूज वेबसाइट एक्सियोस को बताया कि इस्फहान की सुरंगों में हथियार-ग्रेड यूरेनियम मौजूद है. यदि ईरान इसे निकालने की कोशिश करता है, तो इज़रायल को इसकी जानकारी मिल सकती है.