Bhupen Hazarika Birth Anniversary: आज 8 सितंबर को महान गीतकार, गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका की जयंती है. 1926 में असम के सादिया में जन्मे भूपेन हजारिका ने अपनी सुरीली आवाज और गहरे अर्थ वाले गीतों से लाखों दिलों को छुआ है. उनकी कला ने न केवल असमिया सांस्कृतिक धरोहर को नहीं बल्कि हिंदी और कई भारतीय भाषाओं में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है. उनके गीत आज भी उतने ही हिट हैं, जितने अपने समय में थे.
भूपेन हजारिका ने अपने करियर की शुरुआत असमिया सिनेमा और संगीत से की. उनके गीतों में सामाजिक मुद्दों, प्रेम, प्रकृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है. 'दिल हूम हूम करे' और 'गंगा बहती हो क्यों' जैसे हिंदी गीतों ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. उनकी आवाज में गजब का जादू था, जो सुनने वालों को भावनाओं के गहरे समंदर में ले जाता था.
संघर्ष के दिनों में पत्नी ने छोड़ा साथ
उनका जीवन भी उनकी कला की तरह प्रेरणादायक रहा है. भूपेन हजारिका ने 1950 के दशक में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान प्रियंवदा पटेल से शादी की. इस शादी से उन्हें एक बेटा तेज हजारिका हुआ. हालांकि करियर की शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान उनकी पत्नी वापस अमेरिका चली गईं. लेकिन भूपेन ने हार नहीं मानी और अपने संगीत के जरिए दुनिया में अपनी पहचान बनाई.
लता मंगेशकर संग जुड़ा नाम
भूपेन हजारिका की अलग रह रहीं पत्नी प्रियंवदा पटेल ने एक ऐसा इंटरव्यू दिया जिसने सब कुछ बदल दिया. न्यूज चैनलों से लेकर अखबारों तक, हर कोई इस बात पर चर्चा कर रहा था कि भूपेन की पत्नी ने उनके और गायिका लता मंगेशकर के बारे में क्या कहा था. एक चैनल से बातचीत में प्रियंवदा ने उन कारणों के बारे में बात की जिन्होंने भूपेन के साथ उनके विवाह को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई. इसी सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने अपने अलग हुए पति की निजी जिंदगी के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका लता मंगेशकर के साथ अफेयर था.
जयंती पर जानें भूपेन हजारिका के अनसुने किस्से
बातचीत में प्रियंवदा पटेल से उनके अलग हुए पति भूपेन हजारिका और लता मंगेशकर के अफेयर के बारे में कुछ बातें बताने को कहा गया, इसके जवाब में उन्होंने भूपेन के साथ अपनी बातचीत को याद किया, जब भूपेन ने उनसे कहा था कि भारतीय संगीत जगत में अगर किसी को सफल होना है, तो उसके गाने देश की मशहूर गायिका लता मंगेशकर द्वारा गाए जाने चाहिए. प्रियंवदा के लिए अपने पति की ऐसी बात को पचाना काफी मुश्किल था. बता दें कि भूपेन हजारिका को भारत सरकार ने पद्मश्री, पद्म भूषण और मरणोपरांत पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से नवाजा. इसके अलावा उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी मिल चुका है.