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मिमिक्री, AAP में एंट्री से बनारस तक..., आखिर श्याम रंगीला की पॉलिटिक्स क्या है?

श्याम रंगीला का AAP से मोहभंग हुआ तो उन्होंने निर्दलीय ही पीएम मोदी को टक्कर देने का मन बना लिया. अब ऐसा हुआ क्यों, आइए समझ लेते हैं.

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Narendra Modi Shyam Rangeela
Courtesy: Narendra Modi Shyam Rangeela

Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सियासी लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है. बाबा भोलेनाथ की इस नगरी में अब देश के मशहूर कॉमेडियन और मिमिक्री श्याम रंगीला ने उतरने का ऐलान किया है. अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शोर में डूबी काशी में एक विरोध के स्वर ने दस्तक दे दी है. श्याम रंगीला, वही हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री करके रातोरात देशभर में फेमस हो गए थे. वे टीवी चैनलों से लेकर कॉमेडी शोज तक, पीएम मोदी की मिमिक्री करते हैं. अब वाराणसी के में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उन्हीं की आवाज में श्याम रंगीला अब उन्हीं को चुनौती देंगे.

श्याम रंगीला ने बुधवार को ऐलान किया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. वे नहीं चाहते कि सूरत और इंदौर जैसी स्थिति पैदा हो. श्याम रंगीला आम आदमी पार्टी में साल 2022 में शामिल हुए थे. राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने यह फैसला लिया था लेकिन वहां बात जमी नहीं. उन्होंने सिर्फ सदस्यता ली थी, उनके पास कोई अहम पद नहीं था.

क्या है श्याम रंगीला की राजनीति?

श्याम रंगीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर आलोचक रहे हैं. उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी की सरकार का रवैया तानाशाहीपूर्ण रहा है, बीजेपी गलत तरीके से राजनीतिक समीकरण साधती है, जिसकी वजह से सूरत और इंदौर जैसी जगहों पर उसे क्लियर वॉक मिल जाता है. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों की आलोचना करते हैं और उसे चुटीले अंदाज में पेश करते हैं. पीएम ने जब गेमर्स के साथ मुलाकात की थी, तब उन्होंने कहा था कि पीएम वैसे तो गेम खेलने के शौकीन हैं लेकिन कंप्युटर या फोन का इस्तेमाल कैसे कर लेते हैं.

श्याम रंगीला ने 27 फरवरी को ही कह दिया था कि ध्रुव राठी के वीडियो देखकर लगता है कि मोदी के सामने मुझे ही उतरना पड़ेगा. श्याम रंगीला उग्र राष्ट्रवाद और बीजेपी की कार्यशैली से नाराज हैं. वे इसी मुद्दे को लेकर सियासत में उतरना चाहते हैं. श्याम रंगीला का किसी पार्टी के प्रति लगाव नहीं है. वे निर्दलीय ही चुनाव लड़ रहे हैं.

श्याम रंगीला ने राजनीति पर कहा क्या है?

श्याम रंगीला ने चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा है, 'देशवासियों नमस्कार. मैं अपने मन की बात करने आया हूं. आप सबके मन में सवाल है कि जो हम न्यूज में सुन रहे हैं, क्या श्याम रंगीला ये सत्य बोल रहा है. कहीं मजाक तो नहीं कर रहा है. कॉमेडियन है तो मजाक ही कर रहा होगा. दोस्तो, मैं मजाक नहीं कर रहा हूं. मैं वाराणसी की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहा हूं. मैं मोदी जी के सामने चुनाव लड़ने जा रहा हूं.'

श्याम रंगीला ने कहा, 'आप सोच रहे होंगे कि इसकी क्या जरूरत पड़ी. भारत में लोकतंत्र हैं और लोकतंत्र में चुनाव कोई भी लड़ सकता है. मैं जो चुनाव लड़ रहा हूं उसके पीछे एक कारण है. पिछले दिनों सूरत में जो हुआ, चंडीगढ़ में जो हुआ और इंदौर में जो हो रहा है, मुझे लग रहा है कि कहीं वहां वाराणसी में भी ऐसा न हो जाए. अगर एक व्यक्ति भी किसी के विरोध में वोट देना चाहता है तो उसको अधिकार है वोट देने का.   ईवीएम पर नाम तो हो किसा का,अगर कोई किसी और को वोट देना चाहे तो उसके पास विकल्प हो.'

श्याम रंगीला ने कहा, 'मुझे डर है कि कहीं वाराणसी में भी ऐसा ही हो. मेरे वाराणसी जाने का प्रभाव होगा. वाराणसी की जनता मुझे बुला रही है. मुझे लोगों का प्यार मिला है, मैं उत्साहित हूं. मैं बहुत जल्दी वाराणसी आ रहा हूं. मोदी जी कहते हैं जो जिस भाषा में समझेगा, उसे उसी भाषा में जवाब दूंगा. मैं मोदी जी को उन्हीं की भाषा में जवाब दूंगा.'

श्याम रंगीला ने लोगों से आर्थिक मदद मांगी है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उनके पास इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं है, ऐसे में लोगों के तन, मन और धन की जरूरत पड़ेगी. उनका कहना है कि उन्हें नामांकन की प्रक्रिया पता नहीं है, कैसे ग्राउंड पर काम करते हैं, इसलिए लोगों के सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी. वाराणसी पर आप यह सोच सकते हैं.

कौन हैं श्याम रंगीला?

श्याम रंगीला का का जन्म 1994 में रजास्थान के मनखेतरी गांव में हुआ था. यह पीलीबंगा कस्बे में पड़ता है. वे मिमिक्री के जरिए लोगों को हंसाते हैं. उनके व्यंग राजनीतिक होते हैं. वे राहुल गांधी से लेकर अरविदं केजरीवाल तक की मिमिक्री कर लेते हैं. वे प्रधानमंत्री मोदी की मिमिक्री करके चर्चा में आए थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2017 से की, जिसके बाद उन्हें शोज मिलने लगे. सोशल मीडिया पर उनके लाखों प्रशसंक हैं. वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.