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'पहले झपटा, फिर इंसान को नोचकर खा गया,' जंगल में बाघ का आतंक, MP के इलाकों में हड़कंप!

भोपाल शहर के पास मनिराम जाटव नाम एक शख्स को बाघ मारकर खा गया. वह जंगल में तेंदु का पत्ता इकट्ठा करने गए थे. अब भोपाल के कई गांवों में वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है.

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Edited By: India Daily Live
Tiger
Courtesy: Social Media

मध्य प्रदेश के भोपाल में एक हैरान कर देने वाली खबर आई है. रायसेन जिले के अब्दुल्लागंज इलाके में एक 62 वर्षीय शख्स को बाघ ने मारकर खा लिया. भोपाल के आसपास के इलाकों में कई दशक बाद ऐसी घटना सामने आई है. बाघ के हमले के बाद से ही पूरे इलाके में हड़कंप मचा है. वन अधिकारियों ने बाघों पर नजर रखने के लिए कुल 40 ट्रैप कैमरा लगाए हैं. अगर बाघ नागरिक इलाके में आते हैं तो उन्हें भगाने के लिए भी वन विभाग ने प्लानिंग तैयार कर ली है. 

रातापानी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के नीमखेड़ा कुशियारी इलाके में बाघ ने इंसान को अपना शिकार बनाया है. मनीराम जाटव, वन अधिकारियों की चेतावनी के बाद भी तेंदू पत्ता जुटाने जंगल गए थे. जब वे झुक रहे थे, तभी बाघ ने हमला कर दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाघ ने उसे जानवर समझ लिया था.


आधा शरीर नोचकर खा गया बाघ
'टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वनवासियों का कहना है कि वह लंबे समय तक जब घर नहीं लौटा तो परिवार ने वन विभाग से शिकायत की. एक टीम उसकी तलाश में निकली तो उसकी आधी खाई हुई लाश जंगल में नजर आई. कुछ हिस्से झाड़ियों में मिले. वन विभाग के अधिकारी विजय कुमार और सुधीर पाटले की मौजूदगी में जिला अस्पपातल की मेडिकल टीम ने लाश का पोस्टमार्टम किया है.

मेडिकल रिपोर्ट में यह बात सामने आई है बाघ पर हमले की वजह से उसकी मौत हुई है. हाल के दिनों में नागरिक इलाकों में बाघ देखे जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं. स्थानीय लोग वन विभाग से बेहद नराज हो गए हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है पीड़ित परिवार को 8 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. बीते 3 महीनों में नीमखेड़ा कुशियारी में दो बाघ देखे गए हैं. अब वनकर्मियों ग्रामीण इलाकों में निगरानी बढ़ा रहे हैं.

क्यों नागरिक इलाकों में आ रहे बाघ?
जंगलों में बारिश न होने की वजह से पानी की किल्लत हो रही है. जानवर पानी की तलाश में ग्रामीण इलाकों में दस्तक दे रहे हैं. खाने की तलाश में भी जानवर मानव बस्तियों के नजदीक आते हैं. वन विभाग ने जंगल के बीच पानी के भंडारण को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं लेकिन पूरी तरह से जानवरों को नागरिक इलाकों में आने से रोक पाना संभव नहीं हो पाया है.