एक शहंशाह, एक शहजादा, एक शहजादी और महल के लिए सियासी जंग. ये कहानी मुगलों की नहीं, आज की है जब मुगलों को सत्ता गंवाए हुए 166 साल हो गए. उनके वंशज कहां हैं, उन्हें ढूंढने में आपके माथे की नस दुख जाएगी. मगर 2024 के आम चुनाव हो रहे हैं और इस चुनाव में मुगल, बादशाह, शहंशाह, नवाज, शहजादे और शहजादी सबकी दस्तक हो गई. आप सोच रहे होंगे कि लोकतांत्रिक भारत में इनकी क्या जगह है तो आप गलत हैं.
2024 के चुनाव में इनका जिक्र जमकर हो रहा है. प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शहंशाह बता रही हैं. प्रधानमंत्री राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को शहजादा बता रहे हैं, मिसा और प्रियंका गांधी शहजादी हैं. प्रधानमंत्री आवास, प्रियंका की नजरों में महल है. लोकसभा चुनाव में ऐसा लग रहा है कि अब नवाबी दौर लौट आया है.
चुनाव में कहां से आया 'मुगल काल'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) कांग्रेस को खुलकर मुस्लिम परस्त पार्टी बता रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण करता है, शहजादे (राहुल गांधी) को औरंगजेब के अत्याचार नहीं दिखते, हिंदू राजाओं से उन्हें चिढ़ है.
प्रधानमंत्री बिहार के दरभंगा में पहली बार शहजादे शब्द का इस्तेमाल इस चुनाव में किया था, तब से लेकर बीजेपी के सारे नेता राहुल के लिए इस टर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने दरभंगा में तेजस्वी यादव को भी शहजादा बताया था. उन्होंने कहा था, 'जैसे दिल्ली में एक शहजादे हैं. वैसे ही पटना में भी एक शहजादे हैं. एक ने देश तो एक ने बिहार को जागीर समझा है. दोनों के रिपोर्ट कार्ड में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं है.'
राहुल गांधी शहजादा तो शहंशाह कौन है? प्रियंका गांधी ने बता दिया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को इन आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने गुजरात में एक जनसभा में कहा, 'पीएम मोदी मेरे भाई को शहजादा कहते हैं, जबकि खुद शहंशाह बनकर महलों में बैठे हैं. यही शहजादा देश की बहनों, किसानों और मजदूरों की समस्याएं जानने के लिए 4 हजार किमी पैदल चल चुका है. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी गुजरात की जनता को भूल चुके हैं.'
क्यों इन शब्दों पर हो रही है राजनीति?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवारवाद को लेकर कांग्रेस और इसके सहयोगी दलों पर हमलावर हैं. उनका कहना है कि परिवारवादी पार्टियों की वजह से देश का विकास पीछे रह गया, परिवार आगे चला गया. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का फोकस, 'मोदी, मंदिर, मुसलमान और मुगल और आरक्षण' पर है.
कांग्रेस पर बीजेपी तुष्टीकरण का आरोप लगाती रही है. इन बयानों के जरिए राहुल गांधी और उनके गठबंधन के नेताओं को घेरने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस नेता प्रमोद उपाध्याय ने दावा किया कि यह चुनाव हिंदू बनाम मुसलमान पर शिफ्ट हो गया है. चौथे चरण के चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं जहां अगर ध्रुवीकरण नहीं हुआ तो बीजेपी का गेम बिगड़ सकता है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने समीकरण साधने के लिए ऐसे प्रयोग कर रही हैं.