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जेल से बाहर आए अनंत सिंह, चुनावी मौसम में किसका गेम बनाएंगे छोटे सरकार?

अनंत सिंह 15 दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. रिहाई की टाइमिंग को लेकर अब कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.

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Anant Singh

बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. लोकसभा चुनाव के बीच उनका जेल से बाहर आना कई तरह के कयासों को जन्म दे रहा है. छोटे सरकार ने जेल से निकलते ही बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि ललन सिंह 5 लाख वोटों से जीत रहे हैं, हम अशोक महतो को जनबो न करते हैं. चुनाव पर बोलते हुए अनंत सिंह ने कहा कि मुंगेर में कोई टक्कर नहीं है यहां से ललन सिंह पांच लाख वोट से जीत रहे हैं. 

अनंत सिंह बेऊर से रिहा होने के बाद बाढ़ के रास्ते मोकामा पहुंचे. पटना से लेकर पूरे रास्ते में अनंत सिंह का भव्य स्वागत किया गया. बाहुबली पर बुलडोजर से फूलों की बारिश की गई. अनंत सिंह की अपनी अलग फैन फॉलोइंग है, रविवार को जब वो बाढ़ पहुंचे तो उनके समर्थक भी उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़े. लेकिन इस रिहाई की टाइमिंग को लेकर अब कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.

भूमिहार के रक्षक बनकर उभरे

अनंत सिंह का मोकामा में रोला है. वहां वो समानांतर सरकार चलाते हैं. लोगों के बीच उनका खौफ अभी भी बरकरार है. राजपूत और भूमिहार की खूनी इतिहास का गवाह रहे बाढ़ में लोग रात में घरों से निकलने से भी डरते थे. लेकिन अनंत सिंह अपने भूमिहार समुदाय के रक्षक के रूप में उभरे. 2005 में जब नीतीश कुमार की सरकार बनी तो अनंत सिंह मोकाम से विधायक बने. एनडीए सरकार में उनकी अच्छी पकड़ थी. 

किसे फायदा पहुंचाएंगे अनंत सिंह

बिहार में मुंगेर हॉट सीट है. यहां से नीतीश के करीबी ललन सिंह चुनावी मैदान में हैं. लालू यादव ने यहां से बाहुबली नेता अशोक महतो की पत्नी को मैदान में उतारा है. अशोक महतो ने टिकट के लिए कुछ महीने पहले ही शादी की है. वह खुद मुंगेर में चुनाव प्रचार के लिए उतरे हुए हैं. इसबार मुंगेर की सीट ललल सिंह के लिए आसान नहीं रहने वाला. समीकरण कुछ बिगड़ा हुआ है. कहा जा रहा है कि इसी वजह से अनंत सिंह की रिहाई हुई है. अनंत सिंह का मुंगेर में खासा प्रभाव है. भूमिहार जाति से आने वाले अनंत सिंह इस सीट के ज्यादातर भूमिहारों की पसंद भी कहे जाते हैं. साथ ही बाहुबली की बात करें तो अनंत सिंह का कद अशोक महतो से काफी बड़ा है. 

मुंगेर की लड़ाई दिलचस्प

अनंत सिंह को 15 दिन का पैरोल मिला है. माकामा से अनंत सिंह की पत्नी राजद की टिकट पर विधायक बनी, लेकिन नीतीश कुमार ने एक बार फिर से पाला बदल दिया और बीजेपी के साथ सरकार बना ली. उनके साथ अनंत सिंह भी एनडीए में शामिल हो गए. पत्नी ने भी एनडीए सरकार को समर्थन कर दिया. अब अनंत सिंह के बाहर आने से मुंगेर के लड़ाई दिलचस्प हो गई है.