PM Modi Reveal On Balakot Strikes: कर्नाटक में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बड़ा खुलासा कर दिया. उन्होंने कहा कि बालाकोट स्ट्राइक की जानकारी दुनिया को देने से पहले पाकिस्तान को दी थी. उन्होंने कहा कि मोदी पीछे से हमला करने में भरोसा नहीं करता, बल्कि मोदी खुले तौर पर आमने-सामने से लड़ता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने 2019 बालाकोट हवाई हमले के बारे में दुनिया को बताने से पहले पाकिस्तान को जानकारी दी थी. कर्नाटक के बागलकोट में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने सेनाओं से मीडिया को फोन करके जानकारी देने को कहा था, लेकिन मैंने पहले कहा था कि मैं पाकिस्तान को फोन के जरिए रात में हवाई हमले और उससे हुई तबाही की जानकारी दूंगा.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैंने फोन किया तो पाकिस्तान के लोग फोन पर नहीं आए. फिर मैंने बलों को इंतजार करने के लिए कहा और उन्हें सूचित करने के बाद, हमने बाद में रात के दौरान हुए हवाई हमलों के बारे में दुनिया को बताया. पीएम मोदी ने कहा कि मोदी न तो बातें छिपाते हैं और न ही छुपकर हमला करते हैं, बल्कि खुलकर काम करते हैं.
PM Modi reveals how people confused 'Balakot Airstrike' with Bagalkot#shorts #shortsvideos pic.twitter.com/e4AfAMtIWN
— BJP Tripura (@BJP4Tripura) April 30, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी जनसभा से देश में निर्दोष लोगों को मारने की कोशिश करने वालों को भी चेतावनी दी और कहा कि ये नया भारत है, जो घर में घुसकर मारता है. उन्होंने ये भी कहा कि जब भारत ने पाकिस्तान में हवाई हमले किए, तो कई लोगों ने शुरू में सोचा कि ये कर्नाटक के समान दिखने वाले जिले बागलकोट में किया गया था.
उन्होंने कहा कि फिर हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बारे में और हमलों के बाद दुश्मनों को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी. पुलवामा हमले के जवाब में भारत के फाइटर जेट्स ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हमले किए थे.
बालाकोट हमलों के बाद भारत ने कहा था कि रातभर के ऑपरेशन में बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और जिहादी मारे गए. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उन्हें फिदायीन कार्रवाई के लिए ट्रेंड किया जा रहा था और बालाकोट में इसका नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अज़हर का बहनोई मौलाना यूसुफ अज़हर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था.
बयान में कहा गया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में एक और आत्मघाती आतंकी हमले की कोशिश कर रहा था और फिदायीन जिहादियों को इस उद्देश्य के लिए ट्रेंड किया जा रहा था. इस खतरे का सामना करने के लिए हमला बेहद जरूरी थी.