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'मैं नेता हूं, गांधी परिवार का नौकर नहीं...', अमेठी से टिकट मिलने पर ऐसा क्यों बोले के एल शर्मा

KL Sharma on Amethi LS Seat: लोकसभा चुनाव की सबसे चर्चित सीटों में शामिल अमेठी में इस बार गांधी परिवार के बजाय कांग्रेस के सीनियर नेता केएल शर्मा को टिकट गया है जिसके बाद उन्होंने एक ऐसा बयान दिया जिसने सभी को चौंका दिया है.

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KL Sharma Amethi

KL Sharma on Amethi LS Seat: लोकसभा चुनावों में यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवारों का ऐलान हो जाने के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पहले से ज्यादा हमलावार हो गई है. जहां राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर बीजेपी ने उन्हें डरपोक बता रही है तो वहीं पर अमेठी से टिकट पाने वाले केएल शर्मा को बीजेपी ने गांधी परिवार का चपरासी बताया है.

मैं कांग्रेस के पेरोल पर काम नहीं करता

इसी बात पर प्रतिक्रिया देते हुए रविवार को कांग्रेस के अमेठी उम्मीदवार केएल शर्मा ने कहा कि वह हमेशा से एक शुद्ध राजनेता थे न कि गांधी परिवार के नौकर, इतना ही नहीं उन्होंने ये भी दावा किया कि अमेठी से मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी को इस बार के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ेगा.

रविवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'यह पार्टी आलाकमान की ओर से लिया गया निर्णय है, पहले इस सीट के लिए उम्मीदवार के रूप में किसी को भी अंतिम रूप नहीं दिया गया था. हालांकि मुझे पूरा विश्वास है और ये बात मैं कह सकता हूं कि मैं स्मृति ईरानी को हराऊंगा. यह एक बड़ा बयान है जो मैं आज दे रहा हूं. मैं 1983 में युवा कांग्रेस के साथ जुड़कर यहां आया था, मैं एक अनुभवी राजनेता हूं और कई सालों से यहां पर हूं. मैं गांधी परिवार की कोई नौकरी नहीं कर रहा हूं और न ही मैं कांग्रेस के पेरोल पर हूं.'

मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम करती हैं बीजेपी

इस दौरान जब केएल शर्मा से 2019 के लोकसभा चुनावों में अमेठी और रायबरेली में भाजपा के बढ़े हुए वोट शेयर पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि केंद्र पिछले 10 सालों से एक ही एजेंडे पर काम कर रही है और वो है कि लोगों का ध्यान 'वास्तविक' मुद्दों से भटका दिया जाए. 

उन्होंने कहा,'भाजपा ने मीडिया को (विपक्ष के खिलाफ) हथियार बना लिया है. विपक्ष के नेताओं और पार्टियों को अपनी राजनीति आगे बढ़ाने और अभ्यास करने के लिए जगह नहीं मिल रही है. राहुल जी को कितनी बार जगह दी गई है? लोग उनसे (भाजपा से) सवाल कर रहे हैं कि किस बात पर उन्होंने पिछले 10 वर्षों में ऐसा किया है, लेकिन वे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं और मंगलसूत्र के बारे में बात करते हैं, मेरे विचार से इस चुनाव में 'इंडिया शाइनिंग' (2004 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का एक अभियान) की गूंज है और उनका हाल भी उन्हीं चुनावों के नतीजों जैसा होगा.'

10 सालों से वादे पूरे नहीं किए

केएल शर्मा ने इस दौरान बीजेपी पर पिछले 10 सालों से वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप 2014 से उनके घोषणापत्र को देखें. पीएम मोदी ने कहा था कि वह 2022 तक सभी को पक्के घर देंगे. वादा अभी बाकी है उज्ज्वला योजना को देखिए, वे केवल नंबर्स बताते हैं लेकिन उन सिलेंडरों को फिर से भरने के बारे में क्या, लोग अब सब कुछ समझने लगे हैं. 

दिनेश प्रताप ने केएल शर्मा को बताया था चपरासी

इससे पहले, रायबरेली से बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता ने अपने चपरासी को बीजेपी की स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए भेजा है.

दिनेश प्रताप सिंह ने कहा था कि क्या राहुल गांधी सच में अमेठी और रायबरेली जीतना चाहते हैं? अगर वह ऐसा करते, तो वह अपने चपरासी को अमेठी से लोकसभा टिकट क्यों देते? कांग्रेस रायबरेली और अमेठी दोनों सीटें हार जाएगी. वह अमेठी से भाग गए. स्मृति ईरानी के लिए, अमेठी के लोग उनके परिवार के सदस्यों की तरह हैं. वे उनके दिल में उनके खास लोगों की तरह बसते हैं. 

पांचवे ऐसे नेता होंगे जो गैर गांधी परिवार से कांग्रेस का करेंगे नेतृत्व

गौरतलब है कि कई हफ्तों के विचार-विमर्श और अटकलों के बाद, कांग्रेस ने शुक्रवार को दोनों सीटों पर उम्मीदवार के नामों का ऐलान किया था और राहुल गांधी को अपने परिवार की पारंपरिक सीट रायबरेली से उतारा तो वहीं पर केएल शर्मा को अमेठी से स्मृति ईरानी का प्रतिद्वंदी बनाया. 

आपको बता दें कि राहुल गांधी साल 2004 से अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वह 2019 तक इस निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य बने रहे. उनके पिता और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी भी 1981 से अपनी मृत्यु तक निचले सदन में अमेठी के निर्वाचित सदस्य थे. 1999 में सोनिया गांधी ने यहां से राजनीतिक डेब्यू किया था लेकिन राहुल गांधी की राजीनीतिक एंट्री के लिए वो यहां से हटकर रायबरेली चली गई. चुनाव के पांचवें चरण (20 मई) में अमेठी और रायबरेली की सीटों पर मतदान किया जाना है जबकि वोटों की गिनती 4 जून को होनी है.