Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है जिसके पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ था. पहले चरण के चुनाव की समाप्ति के बाद अब राजनीतिक पार्टियों ने दूसरे चरण की तैयारियां शुरू कर दी है जिसका मतदान 26 अप्रैल को होना है.
इस बीच जहां मोदी सरकार लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा करती नजर आ रही है तो वहीं पर विपक्ष का इंडिया गठबंधन जांच एजेंसियों और संविधान बदलने के नाम पर घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है.
इस बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए पार्टी के उन उम्मीदवारों पर चुप्पी तोड़ने का काम किया जिन्होंने संविधान बदलने को लेकर बयान दिया था. जेपी नड्डा ने ऐसे उम्मीदवारों को लताड़ते हुए साफ किया कि हम कभी भी संविधान नहीं बदलना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं एक बात साफ कर देता हूं कि कई बार भाषण देते हुए हमारे कुछ कार्यकर्ता अपनी हदें भूल जाते हैं और जोश-जोश में लाइन क्रॉस कर जाते हैं. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं कहना चाहता हूं कि हम संविधान बिल्कुल भी नहीं बदलना चाहते हैं, हमारा संविधान को लेकर समर्पण साफ है. न पहले कभी हमारी मंशा ऐसे थी और न कभी आगे रहेगी.'
इससे पहले पीएम मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे पर कहा था कि अगर बाबा साहेब खुद इस समय आ जाएं और संविधान बदलना चाहें तो वो नहीं बदल सकते हैं. जेपी नड्डा ने आगे बताया कि उन्होंने ऐसे बयान देने वाले उम्मीदवारों से पर्सनल बात की है और जोश में होश न खोने की सलाह दी है. जेपी नड्डा ने इस दौरान आरक्षण के मुद्दे पर भी जवाब दिया जिसके तहत उन पर लगातार ये आरोप लगा रहा है कि अगर तीसरी बार मोदी सरकार बनती है तो आरक्षण को समाप्त कर दिया जाएगा.
आरक्षण पर जवाब देते हुए जेपी नड्डा ने कहा,'विपक्ष लंबे समय से हमारे खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है और वो लोगों के बीच झूठ फैलाकर उन्हें कन्फ्यूज करना चाहते हैं. अगर आप ऐसी बातें करते हैं तो बीजेपी को एंटी दलित बताने का काम कर रहे हैं. इससे एक ही संदेश पहुंचेगा कि हम दलितों के खिलाफ हैं, लेकिन मैं एक बार फिर ये साफ करना चाहता हूं कि बीजेपी हमेशा से आरक्षण के पक्ष में रही है और हमारी सरकार ने दलितों के लिए जितना काम किया उतना किसी ने नहीं किया.'
इस दौरान जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के उन दावों का भी जवाब दिया जिसमें वो लोकसभा चुनाव 2024 में यह कहते नजर आ रहे हैं कि बीजेपी 150 सीटों पर सिमटने वाली है. इसके जवाब में जेपी नड्डा ने साफ किया कि राहुल गांधी जिस तरह की सोच और विचार रखते हैं उसे देखते हुए मुझे लगता है कि उनकी बातों को शायद ही कोई सीरियस लेता हो. न ही उनको लेकर मेरा ऐसा कोई अनुभव है और न ही उनके पिछले रिकॉर्ड बताते हैं. उन्हें जो भी कहने को कहा जाता है वो बोल दते हैं. 4-5 महीने पहले कुछ ऐसे दावे उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को लेकर भी किया था लेकिन जब नतीजे आए तो सब जानते हैं कि क्या हुआ.