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वाह रे चुनाव की माया! ससुर के खिलाफ देवरानी-जेठानी लड़ रहीं चुनाव, समझिए कहां हो रही ये जंग

Hisar Lok Sabha Seat: हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर इस बार ऐसा चुनाव हो रहा है जिसमें रिश्ते में ससुर लगने वाले रणजीत सिंह चौटाला के सामने उनकी दो बहुएं चुनाव मैदान में हैं.

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India Daily Live
Chautala Family
Courtesy: India Daily Live

कहते हैं कि सियासत में कोई किसी का नहीं होता. कुर्सी के कारण कई बार एक ही परिवार के सदस्य एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ हरियाणा के चौटाला परिवार में देखने को मिल रहा है. साल 2019 में जहां इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में टूट देखने को मिली थी. इस बार देवी लाल परिवार के लोगों में यह लड़ाई एक सीट के चलते देखने को मिल रही है. हरियाणा की हिसार सीट पर जो हो रहा है वह शायद हरियाणा के इतिहास में ऐसी पहली घटना होगी.

हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर 'बहुओं' और 'ससुर' (ससुर) के बीच लड़ाई होने वाली है, जिसमें पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के कबीले के तीन सदस्य आमने-सामने खड़े हैं. इस बार चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला भारतीय जनता पार्टी की ओर से, रिश्ते में उनकी बहू लगने वाली नैना चौटाला जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से और सुनैना चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल से हैं. नैना और सुनैना देवरानी-जेठानी हैं तो रणजीत उनके ससुर लगते हैं. शायद ऐसा पहली बार हो रहा है कि हरियाणा की तीन प्रमुख पार्टियों से एक ही परिवार के तीन बड़े नेता चुनाव में उतर गए हैं.

चौटाला परिवार के तीनों सदस्यों की नजर सीट पर है जिसका प्रतिनिधित्व नैना चौटाला के बेटे और हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 2014 में किया था. हालांकि, दुष्यंत चौटाला 2019 में बीजेपी के बृजेंद्र सिंह से हार गए थे. पिछले साल नौकरशाह से राजनेता बने बृजेंद्र यहां बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. अब वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आ चुके हैं. फिलहाल हम बात कर रहे हैं चौटाला परिवार की.

रणजीत चौटाला पड़ेंगे भारी?

रणजीत चौटाला एक अनुभवी राजनेता हैं. वह अपने पिता के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं और राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. बीजेपी में आने से पहले वह इनेलो, जनता दल और कांग्रेस के साथ रह चुके हैं. उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में रानिया से 2019 का विधानसभा चुनाव जीता, उन्हें मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकारों में कैबिनेट में जगह दी गई और पिछले महीने वह बीजेपी में शामिल हो गए. 

गुरुवार को इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने हिसार से पार्टी की महिला विंग की महासचिव सुनैना चौटाला के नाम की घोषणा की है. सुनैना देवीलाल के सबसे छोटे बेटे स्वर्गीय प्रताप सिंह चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी हैं जबकि नैना चौटाला दो बार की विधायक हैं. वह वर्तमान में विधानसभा में चरखी दादरी जिले के बधरा का प्रतिनिधित्व करती हैं. 

इस बीच, सुनैना लोकसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही हैं. वह 2019 में सक्रिय राजनीति में आईं और तब से इनेलो की महिला विंग का नेतृत्व कर रही थींय. वह नैना के बाद सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाली चौटाला परिवार की दूसरी महिला बन गई हैं. उनके पति रवि भी पहले कांग्रेस में रह चुके हैं. हालांकि, उन्होंने 2009 में कांग्रेस छोड़ दी और डबवाली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके. 2013 में वह इनेलो में लौट आए.

2019 में टूट गया चौटाला परिवार

हरियाणा के इस चौटाला परिवार को 2019 में विभाजन का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद अजय चौटाला और उनका परिवार, जिसमें पत्नी नैना और बेटे दुष्यंत और दिग्विजय और उनके वफादार शामिल थे, आईएनएलडी से अलग हो गए और जेजेपी का गठन किया. हाल ही में अजय चौटाला ने कहा था कि अगर इनेलो के मुखिया ओपी चौटाला पहल करते हैं तो वह इनेलो में फिर से शामिल हो सकते हैं. हालांकि, उनके भाई अभय ने पुनर्मिलन से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी में "गद्दारों" के लिए कोई जगह नहीं है. 

2014 में इस सीट से सांसद रहे दुष्यंत चौटाला 2019 में जेजेपी के सिंबल पर लड़े लेकिन दूसरे नंबर पर रहे. इस बार जेजेपी का झंडा लिए उनकी मां नैना सिंह चौटाला मैदान में हैं. बता दें कि इस सीट पर भजन लाल, कुलदीप बिश्नोई, दुष्यंत चौटाला और चीधरी बिरेंदर सिंह जैसे नेता सांसद रहे हैं.