Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में आजादी के बाद से सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. इंडिया ब्लॉक के मुख्य सहयोगी पार्टी ने गठबंधन के बाद अपनी कई लोकसभा सीटों को दूसरी पार्टियों के लिए छोड़ा है. पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का समाना करना पड़ा. लोकसभा सीटों की संख्या 50 से भी कम हो गई है.
कांग्रेस ने अब तक 27 राज्यों और सभी आठ केंद्र शासित प्रदेशों से 278 उम्मीदवारों की घोषणा की है. हरियाणा से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है. पार्टी बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, यूपी में दो सीटों रायबरेली और अमेठी और पश्चिम बंगाल में कुछ सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान करेगी. सभी को अगर जोड़ें तो कुल 20 सीट और जुड़ने की उम्मीद है. इसलिए, सीटों की संख्या पिछले चुनावों की संख्या से काफी कम होगी.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस ने 2019 में 421 सीटों पर, 2014 में 464 सीटों पर, 2009 में 440 सीटों पर और 2004 में 417 सीटों पर चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने 2019 में 52 सीटें, 2014 में 44, 2009 में 206 और 2004 में 145 सीटें जीतीं. 1989 और 1999 के बीच, जब गठबंधन-युग भारतीय चुनावों का एक अभिन्न अंग बन गया, तब भी कांग्रेस पार्टी ने 450 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए.1999 में 453 उम्मीदवार, 1998 में 477, 1996 में 529, 1991 में 487 (पंजाब सहित 500 - राज्य के लिए चुनाव 1992 में हुए थे) और 1989 में 510 उम्मीदवार थे.
कांग्रेस ने पहले ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु में अपने सहयोगियों को बड़ी संख्या में सीटें दे दी हैं. इन चार राज्यों में 201 सीटें हैं. इन चार राज्यों में, कांग्रेस के पास यूपी में अमेठी और रायबरेली सहित 17 उम्मीदवार होंगे, बिहार में 9, तमिलनाडु में 9 और बंगाल में अब तक 13 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. पार्टी उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़े चुनावी राज्य महाराष्ट्र में भी कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 48 लोकसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस 17 पर अपने उम्मीदवार उतार रही है, बाकी सीटों पर सहयोगियों शिव सेना (यूबीटी) और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एसपी) चुनाव लड़ रही है. पिछले दो चुनावों में पार्टी ने राज्य में 25 और 26 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
कांग्रेस ने दिल्ली, गुजरात और हरियाणा के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ भी समझौता किया है. इन तीन राज्यों में कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी को छह सीटें दे दी हैं. पटना से शुरू होकर दिल्ली में हुई आखिरी बैठक तक इंडिया ब्लॉक की सभी चार बैठकों में सहयोगियों ने कांग्रेस पार्टी से सीट समझौते में अधिक लचीला और उदार होने के लिए कहा था.