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DTU का बड़ा प्लान, अब दुनिया से कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी दिल्ली टेक यूनिवर्सिटी, जानिए कैसे

DTU अब सिर्फ डिग्री देने वाला संस्थान नहीं, बल्कि एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है जो स्टूडेंट्स को ग्लोबल लीडर बनने के लिए तैयार कर रहा है. नए कोर्स, इनोवेशन, स्टार्टअप और समावेशी शिक्षा की दिशा में ये कदम इसे भारत के सबसे प्रगतिशील यूनिवर्सिटी में से एक बना रहे हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Delhi Technological University
Courtesy: Pinterest

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DTU) अब सिर्फ दिल्ली या भारत का नहीं, बल्कि इंटरनेशनल लेवल का एजुकेशन हब बनने की तैयारी में है. कुलपति डॉ. प्रतीक शर्मा ने बुधवार को अपने विजन का खाका पेश किया, जिसमें इनोवेशन, ग्लोबल कोलैबोरेशन और सभी वर्गों तक उच्च शिक्षा की पहुंच को लेकर बड़े ऐलान किए गए.

इसमें नरेला में अत्याधुनिक रिसर्च पार्क बनाना, दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी के साथ हाथ मिलाना और ऐसे कोर्स शुरू करना शामिल है जो आज की इंडस्ट्री की जरूरत हैं. कुलपति का साफ कहना है कि अब DTU के स्टूडेंट्स सिर्फ डिग्री नहीं, ग्लोबल एक्सपोजर और इंडस्ट्री रेडी स्किल्स के साथ पास होंगे.

इंटरनेशनल लेवल की पढ़ाई और साझेदारी

DTU ने ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी और साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज और रिसर्च में कोलैबोरेशन के लिए करार किया है. इससे स्टूडेंट्स को विदेश में पढ़ाई और रिसर्च के मौके मिलेंगे, जिससे उनके करियर की संभावनाएं और भी खुलेंगी.

नए जमाने के कोर्स होंगे शुरू

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत DTU अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी जैसे नए और डिमांडिंग फील्ड में B.Tech कोर्स शुरू कर रहा है. साथ ही एक नया डिपार्टमेंट “भू-स्थानिक विज्ञान और तकनीक” भी खोला गया है, जो मैपिंग और डेटा के कॉम्बिनेशन से जुड़े स्किल्स सिखाएगा.

रिसर्च, स्टार्टअप और इंडस्ट्री कनेक्शन

DTU अब इंडस्ट्री के साथ मिलकर प्रोजेक्ट्स करेगा. इसके लिए एक आधुनिक लैब बनाई गई है जहां कंपनियां और स्टूडेंट्स मिलकर नए इनोवेशन पर काम करेंगे. साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की भी प्लानिंग है.

हर किसी तक पहुंचे पढ़ाई

अब पढ़ाई सिर्फ क्लासरूम तक सीमित नहीं रहेगी. DTU ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कई सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए हैं ताकि गांव या दूर-दराज़ के स्टूडेंट्स भी पढ़ाई कर सकें. कुलपति शर्मा का कहना है, "हमें पढ़ाई को एक विशेषाधिकार नहीं, हर किसी का हक बनाना है."

पर्यावरण और इंफ्रास्ट्रक्चर में भी लीडरशिप

DTU सिर्फ एजुकेशन तक ही सीमित नहीं है. यूनिवर्सिटी यमुना की सफाई, बाढ़ नियंत्रण और एयर पॉल्यूशन जैसे मुद्दों पर भी NDMC और उपराज्यपाल कार्यालय के साथ मिलकर काम कर रही है. साथ ही, सड़क सुरंगों की सेफ्टी के लिए भी एक खास सेंटर खोला जाएगा.

DTU अब सिर्फ डिग्री देने वाला संस्थान नहीं, बल्कि एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है जो स्टूडेंट्स को ग्लोबल लीडर बनने के लिए तैयार कर रहा है. नए कोर्स, इनोवेशन, स्टार्टअप और समावेशी शिक्षा की दिशा में ये कदम इसे भारत के सबसे प्रगतिशील यूनिवर्सिटी में से एक बना रहे हैं.