Hindenburg Case: अडाणी ग्रुप के शेयर होल्डर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है. बाजार नियामक सेबी ने अडाणी ग्रुप को हिंडनबर्ग केस से जुड़े सभी आरोपों में क्लीनचिट दे दी है. सेबी ने कहा कि समूह पर किसी भी तरह के आरोप सिद्ध नहीं हो सके. इसके साथ सेबी ने कहा कि समूह पर कोई देनदारी या जुर्माना नहीं लगाया गया है.
इसके अलावा अडाणी समूह की कंपनियों अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर, गौतम अडाणी और राजेश अडाणी के खिलाफ कार्यवाही का भी सेबी की ओर से निपटारा किया गया है.
नियामक ने उन आरोपों को भी खारिज किया है कि अडाणी समूह ने संबंधित पक्ष के लेन-देने को छुपाने के लिए किसी योजना में भाग लिया था. दो अलग-अलग आदेशों में नियामक ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं पाया.
On Hindenburg's allegations against Adani group companies, the Securities and Exchange Board of India (SEBI) concludes that there is no violation of the listing agreement or SEBI (LODR), and the impugned transactions do not qualify as “related party transactions” for the reasons… pic.twitter.com/gmjaDHbnjP
— ANI (@ANI) September 18, 2025
सेबी ने यह भी साफ किया कि समूह ने ऋण ब्याज सहित चुका दिए गए और कोई भी धनराशि का गबन नहीं हुआ और इसलिए कोई धोखाधड़ी या अनुचित व्यवहार नहीं हुआ. इसलिए अडाणी समूह के खिलाफ सभी कार्यवाही समाप्त कर दी गई है.
अडाणी समूह पर लगे थे गंभीर आरोप
गौरतलब है कि जनवरी 2021 में हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडाणी समूह ने तीन कंपनियों एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल अडाणी समूह के बीच धन के लेन-देने के लिए किया.
यह भी दावा किया गया था कि इससे अडाणी को संबंधित पक्ष लेनदेन के नियमों से बचने में मदद मिली जिससे संभवत: निवेशकों को गुमराह किया गया.