भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा "व्यापार समझौते के बहुत करीब" होने का दावा करने के ठीक एक दिन बाद भारत की ओर से प्रतिक्रिया आई है. विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि बातचीत जारी है, लेकिन कोई भी समझौता तभी होगा जब वह पूरी तरह भारत के हित में होगा.
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी भी व्यापार समझौते को समयसीमा या दबाव में आकार नहीं देता. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को अंतिम रूप तभी मिलेगा जब वह पूरी तरह संतुलित, पारदर्शी और देशहित में होगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दोनों देशों के बीच संपर्क लगातार बना हुआ है और लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास हो रहे हैं. जायसवाल ने कहा, "बातचीत जारी है और दोनों पक्ष समाधान की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं."
वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की मुख्य चर्चा बिंदु शुल्क दरों को 20 प्रतिशत से नीचे लाने को लेकर है. अमेरिका की कोशिश है कि उसकी कंपनियों को भारतीय बाजार में वैसी ही पहुंच मिले जैसी उन्हें इंडोनेशिया जैसे अन्य देशों में मिलती है. अमेरिका पहले ही कई देशों को एक अगस्त से लागू होने वाले जवाबी शुल्क के बारे में सूचित कर चुका है. भारत को उम्मीद है कि वह इस शुल्क से बचने के लिए समझौते तक पहुंच पाएगा.
वहीं, भारत ने यह संकेत भी दिया है कि वह किसी भी समझौते में जल्दबाजी नहीं करेगा. इस बीच भारतीय वाणिज्य मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में अगले दौर की बातचीत के लिए मौजूद है. इसके अलावा, भारत और यूरोपीय संघ के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भी बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है. पिछला दौर ब्रसेल्स में संपन्न हुआ था और अगला दौर सितंबर में नई दिल्ली में होने की संभावना है.