साल 2025 के अंत में बैंकिंग सेक्टर में एक अहम बदलाव देखने को मिला है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के तुरंत बाद देश के बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने भी अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरों में संशोधन किया है.
यह बदलाव 17 दिसंबर 2025 से लागू हो गया है और तीन करोड़ रुपये से कम की जमाओं पर प्रभावी होगा. इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी इसी तरह का कदम उठा चुका है.
दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया. इसका सीधा असर बैंकों की फंडिंग लागत पर पड़ा है. जैसे ही नीति दरों में नरमी आई, बैंकों ने अपनी जमा योजनाओं की समीक्षा शुरू कर दी. एचडीएफसी बैंक का यह फैसला इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि आगे अन्य बैंक भी इसी रास्ते पर चल सकते हैं.
एचडीएफसी बैंक ने 18 महीने से 21 महीने से कम अवधि वाली एफडी पर ब्याज दरों में 15 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. सामान्य ग्राहकों के लिए यह दर 6.60 प्रतिशत से घटकर 6.45 प्रतिशत हो गई है. वहीं वरिष्ठ नागरिकों को अब इसी अवधि पर 6.60 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जो पहले 7.10 प्रतिशत था. यह कटौती सीमित अवधि पर लागू है.
तीन करोड़ रुपये से कम की एफडी पर सामान्य ग्राहकों के लिए ब्याज दरें 7 से 29 दिन की अवधि पर 2.75 प्रतिशत से शुरू होती हैं. जैसे-जैसे अवधि बढ़ती है, रिटर्न भी बढ़ता है. 18 महीने से लगभग तीन साल तक की कई अवधियों पर अधिकतम 6.45 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. पांच से दस साल की लंबी अवधि पर दर घटकर 6.15 प्रतिशत रह गई है.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दरें अब भी सामान्य ग्राहकों से अधिक हैं. छोटी अवधि पर उन्हें 3.25 प्रतिशत तक ब्याज मिल रहा है. एक साल के आसपास की एफडी पर दर 6.75 प्रतिशत तक पहुंचती है. हालिया कटौती के बावजूद 18 महीने से तीन साल तक की अवधि पर वरिष्ठ नागरिक करीब 6.95 प्रतिशत कमा सकते हैं, जबकि पांच से दस साल की एफडी पर 6.65 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है.
अगर किसी वित्त वर्ष में एफडी से ब्याज आय 50,000 रुपये से ज्यादा होती है, या वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये से ऊपर जाती है, तो टीडीएस कटेगा. इससे बचने के लिए पात्र ग्राहक फॉर्म 15G या 15H जमा कर सकते हैं. बैंक के अनुसार मासिक या तिमाही ब्याज भुगतान वाली एफडी पर टीडीएस सीधे लिंक्ड खाते से काटा जाएगा. निवेश से पहले शर्तें समझना जरूरी है.