India US Trade Deal 2025: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही मिनी ट्रेड डील अब लगभग अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि यह समझौता अमेरिका की सभी मांगों के अनुसार नहीं होगा. डेयरी और कृषि जैसे संवेदनशील मुद्दों को इस डील से बाहर रखा जाएगा. एक शीर्ष अधिकारी ने जानकारी दी कि यह डील 'सिर्फ सामानों के व्यापार' पर केंद्रित होगी और बाकी मुद्दों पर भविष्य में चर्चा हो सकती है.
भारत चाहता है कि इस समझौते में कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों को अमेरिका में अधिक बाजार मिले. इसके ज़रिए भारत अपने घरेलू उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उतारना चाहता है. वहीं, अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है कि वह जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलें, पशु आहार और डेयरी उत्पादों को अपने बाजार में प्रवेश दे.
भारतीय अधिकारी मानते हैं कि कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्र बेहद संवेदनशील हैं. यहां के अधिकांश किसान छोटे और सीमांत होते हैं जो जीविका के लिए खेती करते हैं. ऐसे में अमेरिका की GM फसलों या डेयरी उत्पादों को बाजार में आने देना देश के कृषि तंत्र के लिए नुकसानदायक हो सकता है. यही कारण है कि भारत इन क्षेत्रों को डील से बाहर रखना चाहता है.
यह समझौता 9 जुलाई से पहले होना जरूरी है, क्योंकि इसी दिन अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क पर 90 दिनों की रोक खत्म हो रही है. अगर इस समय तक कोई समझौता नहीं होता है, तो भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात फिर से 26% टैक्स के दायरे में आ सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही साफ कर चुके हैं कि जो देश 9 जुलाई तक समझौते पर नहीं पहुंचते, उन्हें अमेरिका नए शुल्क पत्र भेजेगा. 'यह समझौता सिर्फ वस्तु व्यापार तक सीमित रहेगा. डेयरी और कृषि जैसे मुद्दों पर आगे बातचीत की जाएगी,' वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी