केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म उबर को तेज सेवा के लिए उपयोगकर्ताओं को अग्रिम टिप देने के लिए "मजबूर करने या प्रेरित करने" के आरोप में नोटिस जारी किया है. बता दें कि, यह कार्रवाई उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी के निर्देश पर की गई, जिन्होंने इस प्रथा को अनैतिक और शोषणकारी बताया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर अपनी चिंता जताते हुए कहा, "अग्रिम टिप की प्रथा गहरी चिंता का विषय है. तेज सेवा के लिए उपयोगकर्ताओं को अग्रिम टिप देने के लिए मजबूर करना या प्रेरित करना अनैतिक और शोषणकारी है. ऐसी गतिविधियां अनुचित व्यापार प्रथाओं के अंतर्गत आती हैं." उन्होंने जोर देकर कहा कि टिप सेवा पूरी होने के बाद प्रशंसा के रूप में दी जाती है, न कि पहले से हक के रूप में है.
The practice of 'Advance Tip' is deeply concerning. Forcing or nudging users to pay a tip in advance, for faster service is unethical and exploitative. Such actions fall under unfair trade practices. Tip is given as a token of appreciation not as a matter of right, after the… pic.twitter.com/WaPH26oT9G
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) May 21, 2025
CCPA की कार्रवाई
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए CCPA को जांच के निर्देश दिए. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "आज CCPA ने इस संबंध में उबर को नोटिस जारी किया है, जिसमें प्लेटफॉर्म से स्पष्टीकरण मांगा गया है." यह कदम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है. जोशी ने कहा, "सभी ग्राहक इंटरैक्शन में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखनी चाहिए."
उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा
उबर पर लगे आरोपों ने डिजिटल प्लेटफॉर्मों की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं. ऐसे में अग्रिम टिप की प्रथा न केवल उपभोक्ताओं पर अनुचित दबाव डालती है, बल्कि सेवा की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है. CCPA का यह नोटिस उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उबर से अब इस मामले में जवाब की उम्मीद है, और इसकी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होगा कि कंपनी उपभोक्ता हितों को कितनी प्राथमिकता देती है.