नई दिल्ली: उत्तर भारत में ठंड तेज होने के साथ ही कार मालिकों के लिए वाहन की सुरक्षा और देखभाल प्रमुख जरूरत बन जाती है. कई लोग साफ-सफाई का ध्यान तो रखते हैं, लेकिन मौसम के हिसाब से मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं देते, जिसकी वजह से कार अचानक बंद होने या स्टार्ट न होने जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं. ठंड के कम तापमान में कार के इंजन, बैटरी, टायर और विंडशील्ड पर अधिक दबाव पड़ता है.
ऐसी स्थिति में कार को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बुनियादी सावधानियां बेहद जरूरी हैं. यदि इन्हें नज़रअंदाज़ किया जाए, तो आने वाले दिनों में बड़े खर्च का सामना करना पड़ सकता है. यही कारण है कि सर्दियों में सही कार केयर टिप्स जानना आवश्यक हो जाता है.
सर्द मौसम में इंजन ऑयल गाढ़ा हो जाता है, जिससे इंजन को घूमने में अधिक समय लगता है. बैटरी के केमिकल रिएक्शन भी धीमे हो जाते हैं, जिससे बैटरी जल्दी ड्रेन हो सकती है. यही वजह है कि सुबह-सुबह कार स्टार्ट होने में परेशानी आती है. इसलिए कार को संभव हो तो गैराज या ढंकी हुई जगह पर ही पार्क करें. इससे इंजन और बैटरी दोनों को ठंड से सुरक्षा मिलती है और स्टार्टिंग समस्या कम होती है.
कूलेंट में मौजूद एंटी-फ्रीज तत्व रेडिएटर के पानी को जमने से बचाता है. यदि कूलेंट कम हो या खराब हो चुका हो, तो ठंड में पानी जमने लगता है, जिससे रेडिएटर और इंजन को नुकसान पहुंच सकता है. कूलेंट का सही लेवल बनाए रखना बेहद जरूरी है. यदि जरूरत हो तो नया कूलेंट भरें और सुनिश्चित करें कि एंटी-फ्रीज का मिश्रण सही मात्रा में मौजूद हो. नियमित सर्विसिंग में भी इसे जांचना चाहिए.
सर्द रातों में पूरी रात हैंडब्रेक लगाए रखने से नमी ब्रेक पैड को डिस्क से चिपका सकती है. सुबह हैंडब्रेक जाम हो सकता है, जिससे गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है. यदि आप समतल जगह पर कार पार्क करते हैं, तो हैंडब्रेक लगाने के बजाय गाड़ी को गियर में छोड़ें और पहियों के आगे-पिछे स्टॉपर या ईंट लगा दें. इससे ब्रेक सिस्टम पर दबाव नहीं पड़ता और जाम होने की समस्या भी नहीं होती.
ठंड के मौसम में टायर प्रेशर अपने आप कम हो जाता है. एयर की डेंसिटी कम होने की वजह से टायर खाली महसूस होने लगता है. कम प्रेशर से कार की ग्रिप कमजोर होती है और फिसलने का खतरा बढ़ जाता है. इससे एक्सीडेंट की संभावना अधिक होती है. इसलिए सर्दियों में हर सप्ताह टायर प्रेशर चेक करना बेहद जरूरी है. इससे न केवल कार की सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि टायर की लाइफ भी लंबी होती है.
सर्द सुबह विंडशील्ड पर जमी बर्फ या फॉग को जोर से खुरचना नुकसानदायक होता है. कठोर औजार या गरम पानी का इस्तेमाल करने से शीशे पर खरोंच आ सकती है या अचानक तापमान बदलाव से ग्लास टूट भी सकता है. हमेशा डिफॉगर, डिफॉस्टर स्प्रे या प्लास्टिक स्क्रैपर का उपयोग करें. ऐसा करने से शीशा सुरक्षित रहता है और विजिबिलिटी भी बेहतर होती है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.