नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पुराने वाहन मालिकों के लिए अच्छी खबर लाई है. पहले, 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कारों और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल कारों को स्क्रैप करना पड़ता था. अब, इस नियम में ढील दी गई है. वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों को स्क्रैप करने के बजाय दूसरे राज्य में री-रजिस्टर करवाने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेने की इजाजत दी गई है.
इससे पहले तक दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट गाड़ी का रजिस्ट्रेशन खत्म होने के एक साल के अंदर ही NOC देता था. अगर वह एक साल का समय खत्म हो जाता था, तो मालिकों के पास अपनी कारों को स्क्रैप करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता था. अब, यह समय सीमा पूरी तरह से हटा दी गई है. लोग कभी भी NOC के लिए अप्लाई कर सकते हैं, भले ही उनकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कई साल पहले खत्म हो गया हो.
इस नए फैसले से हजारों लोगों को पैसे बचाने में मदद मिलेगी. अपनी गाड़ियों को पूरी तरह से खोने के बजाय, वे अब उन्हें दूसरे राज्य में ले जा सकते हैं जहां ऐसी उम्र की पाबंदियां लागू नहीं होती हैं. इससे नागरिकों पर वित्तीय बोझ कम होगा और पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी.
अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने में भी अप्रत्यक्ष रूप से मदद मिलेगी. चूंकि पुरानी गाड़ियाँ दिल्ली की सड़कों से हटाकर दूसरी जगह इस्तेमाल की जाएंगी, इसलिए शहर में प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां कम होंगी. इसके अलावा, जो लोग अपनी गाड़ियां बेचना चाहते हैं या दिल्ली से बाहर ले जाना चाहते हैं, उनके लिए अब यह प्रक्रिया बहुत आसान हो जाएगी. गाड़ियों को स्क्रैप करने का दबाव कार मालिकों के लिए एक बड़ी चिंता थी.
इसी समय, वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने एक और नियम की घोषणा की है. 1 नवंबर, 2025 से, जो कमर्शियल गाड़ियां BS-VI एमिशन स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करती हैं, उन्हें दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने वाहन मालिकों को जानकारी देने के लिए पहले ही मैसेज भेजना और घोषणाएं करना शुरू कर दिया है. इस कदम का मकसद दिल्ली की हवा की क्वालिटी में सुधार करना है, जो खासकर सर्दियों के महीनों में बहुत खराब हो जाती है.