Puja During Periods: हिंदू धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ करने के लिए मना कर दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें रसोई में जाना, अचार छूना के लिए भी मना कर दिया जाता है. इस दौरान हर महिला के मन में सवाल जरूर आता है कि क्यों पीरियड्स के वक्त पूजा नहीं की जा सकती. आइए जानते हैं क्यों पीरियड्स के दौरान मंदिर में जाना और पूजा-पाठ करना ठीक नहीं माना जाता है और इस दौरान आप कैसे पूजा-पाठ कर सकते हैं.
हिंदू धर्म के अनुसार, पीरियड्स के दौरान अगर महीला तुलसी में जल डालती हैं तो पौधा सूख जाता है. क्योंकि इस समय शरीर से ज्यादा एनर्जी ट्रांसफर होती है. यह ऊर्जा भगवान सहन नहीं कर पाते हैं. इसी वजह से पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ करने के लिए मना किया जाता है.
ऐसा माना जाता है कि पूजा मन से की जाती है. इसलिए आप पीरियड्स के दौरान मन से पूजा कर सकते हैं. हमेशा पीरियड्स के समय दूर से पूजा करें. पूजा करते वक्त मंदिर की किसी भी चीज को हाथ न लगाएं. इसके अलावा तुलसी में भी जल न चढ़ाएं. अगर आप चाहे तो मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
पीरियड्स के 5वें दिन आप बाल धो कर और स्नान करके मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं. कुछ महिलाओं को 7 दिनों तक पीरियड्स होते हैं. ऐसे में 5वें दिन अपने बालों को धोकर पूजा-पाठ में शामिल हो सकती हैं.
अगर कभी आपको व्रत के दौरान पीरियड्स आ जाए तो व्रत को अधूरा न छोड़े. इस दौरान आप किसी और से भी अपनी पूजा करवा सकती हैं. इससे आपको व्रत का पूरा फल मिलेगा. लेकिन पूजा की चीजों को हाथ न लगाएं और मन में मंत्र का जाप करते रहें.